दैनिक भास्कर 16 अगस्त, 2011
धर्मशाला: चीन अधिकृत तिब्बत में चीनी सैनिकों की प्रताड़ना से तंग आकर 15 अगस्त को बौद्ध भिक्षु छेवांग नोरबू ने आत्मदाह कर जान दे दी। इस घटना से प्रदेश में रह रहे तिब्बती समुदाय में काफी नाराजगी है। तिब्बत निर्वासित सरकार और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने बौद्ध भिक्षु की मौत पर संवेदना जताई है।
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के प्रेस सचिव थुपतेन के मुताबिक छेवांग पूर्वी उत्तर ताबू क्षेत्र स्थित नयतसो बौद्ध मठ का भिक्षु था। चीनी सैनिकों के लगातार जारी प्रताड़ना से तंग आकर 29 वर्षीय छेवांग ने खुदकुशी कर ली। उन्होंने तिब्बत में मानवाधिकार कानूनों की उल्लंघन के चलते एेसी घटनाओं को निंदनीय बताया है।
विश्व भर में रह रहे तिब्बतियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से चीन प्रशासन द्वारा तिब्बतियों पर किए जा रहे अत्याचारों पर रोक लगाने के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया है। तिब्बतियन यूथ कांग्रेस ने बौद्ध भिक्षु की आत्मदाह में हुई मौत पर सोमवार देर शाम मैक्लोडगंज से चुगलाखंग बौद्ध मठ तक मोमबत्ती जुलूस निकाला।