दैनिक जागरण: 13 जुलाई 2011
वाशिंगटन। तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने आशा व्यक्त की है कि तिब्बत पर वर्तमान स्थिति लंबे समय तक कायम नहीं रहेगी क्योंकि चीन के नागरिक स्वायत्तशासी तिब्बत की मांग का समर्थन करते हैं।
उन्होंने सोमवार को रेडियो फ्री एशिया [आरएफए] को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘ऐसी स्थिति हमेशा नहीं रह सकती है। जल्द ही अथवा बाद में, हमें इस सचाई का सामना करना है। तिब्बत में साल दर साल लोकतंत्र, कानून का शासन और सूचना पाने की स्वतंत्रता की मांग तेजी से उठ रही है।’ उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति कब तक जारी रहेगी, इस बारे में कोई नहीं जानता है।
दलाई लामा ने यह भी कहा, ‘चीन के लोग भी स्वायत्तशासी तिब्बत की मांग का समर्थन करते हैं क्योंकि तिब्बतियों का संघर्ष अहिंसा और इस सिद्धांत पर आधारित है कि तिब्बत चीन का ही हिस्सा रहेगा।’
जब दलाईलामा से तिब्बत की स्वायत्तता के लिए उनके ‘मध्य मार्ग’ की युवा तिब्बतियों में हो रही आलोचना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह समझने योग्य है कि क्या यह अनुमान तिब्बत के सभी वर्ग के लोगों की राय पर आधारित है। क्या इनमें से सभी लोग स्वायत्तशासी तिब्बत की मांग का समर्थन नहीं करते हैं? भारी संख्या में चीन के हमारे भाई-बहन, बुद्धिजीवी और कई छात्र स्वायत्तशासी तिब्बत की मांग का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। वे हमारे साथ हैं।’ दलाई लामा ने पिछले सप्ताह ही अपना 76वां जन्म दिन मनाया था।