प्रेस नोट 22 May, 2011
मैकलोडगंज। आखिरकार वह वक्त आ गया जब तिब्बतियों के सर्वोच्च नेता एवं बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा राजनीतिक जिम्मेदारी से जल्द भारमुक्त हो जाएंगे। तमाम तरह के गतिरोध के बावजूद भारत में निर्वासित तिब्बत सरकार के निर्वाचित प्रतिनिधियों को सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
निर्वासित तिब्बत के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री डा. लोबसंग सांग्ये की अध्यक्षता में तिब्बत का दूसरा महाधिवेशन शनिवार से शुरू हो गया है। इसके लिए मिनी ल्हासा मैकलोडगंज में 418 तिब्बती प्रतिनिधि जुटे हैं। अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य दलाईलामा के राजनीतिक संन्यास के बाद प्रधानमंत्री लोबसंग सांग्ये सहित अन्य चुनिंदा प्रतिनिधियों को उनकी कार्यकारी शक्तियां सौंपना है।
तीन दिन तक चलने वाले इस महाधिवेशन में कुल 418 प्रतिनिधियों को दस उपसमितियों में बांटा गया है। यह उपसमितियां तिब्बत चार्टर अमेंडमेंट रिड्राफ्टिंग कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। तिब्बती चार्टर के 38 अनुच्छेदों में बदलाव कर अंतिम रिपोर्ट दो दिन के भीतर ही तैयार कर ली जाएगी।