दैनिक भास्कर: May 27,2011
तीन दिन तक चलेगा सत्र -परमपावन दलाईलामा की शक्तियों के हस्तांतरण पर होगी चर्चा धर्मशाला, कार्यालय संवाददाता : निर्वासित तिब्बती संसद का वीरवार से तीन दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो गया। सत्र के दौरान धर्मगुरु दलाईलामा की राजनीतिक शक्तियों को निर्वाचित तिब्बती प्रतिनिधियों के सुपुर्द करने पर विचार किया जाएगा। बृहस्पतिवार को सत्र के पहले दिन इस मसले पर अधिक चर्चा नहीं हो पाई। केवल दलाईलामा की राजनीतिक शक्तियों के हस्तांतरण के लिए दूसरी तिब्बतियन नेशनल जनरल मीटिंग में बनाए गए प्रारूप पर कुछ देर तक चर्चा हुई। इसके बाद संसद को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
संसद के सभी सदस्यों को अब तक दलाईलामा द्वारा विचाराधीन रखे गए अनुच्छेद एक के तहत बनाई गई प्रस्तावना बारे लिए जाने वाले अंतिम निर्णय का भी इंतजार है। इसके बाद इस मसले पर चर्चा होकर इस पर अंतिम मुहर लग पाएगी। निर्वासित तिब्बती संसद के स्पीकर पेंपा शेरिंग ने बताया कि इस सत्र में मुख्य रूप से दलाईलामा की राजनीतिक शक्तियों को निर्वाचित तिब्बती नुमाइंदों को सौंपने पर ही चर्चा होगी व उन्हें मंजूरी के लिए संसद में रखा जाएगा। अधिकांश शक्तियां निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री व मंत्रियों के पास जाएंगी।
वहीं, तिब्बती संसद के प्रवक्ता तेजिंन नोरबू के अनुसार उक्त मीटिंग में भाग लेने वाले तिब्बती प्रतिनिधियों ने बुधवार को दलाईलामा से मुलाकात की थी व उनसे ब्रिटेन की तर्ज पर तिब्बत का औपचारिक प्रमुख बने रहने की अपील की थी। इस अपील को दलाईलामा ने नामंजूर कर दिया था। उसी दौरान इन प्रतिनिधियों ने अनुच्छेद एक के तहत बनाई गई प्रस्तावना को दलाईलामा के समुख रखा था। इसमें उनसे तिब्बती समुदाय को सलाह देने सहित कुछ और महत्वपूर्ण विषयों की शक्तियों को दलाईलामा से अपने पास ही रखने की अपील की थी। प्रस्तावना को दलाईलामा ने अपने पास विचारार्थ के लिए रखा लिया है व इस बारे वह जल्द ही निर्णय देंगे। इस समय दलाईलामा घोषणा पत्र व नियम कानूनों में बदलाव पर हस्ताक्षर करना, संसद द्वारा बनाए गए कानूनों पर हस्ताक्षर करना, संसद के सत्र आयोजित करने की अनुमति देना, निर्वासित सरकार के अधिकारियों की नियुक्ति करना, संसद व मंत्रिमंडल भंग करने सहित कुछ और राजनीतिक शक्तियों को छोड़ना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने मार्च में राजनीतिक संन्यास की घोषणा की थी। वीरवार को संसद के विशेष सत्र के पहले दिन लगभग सभी तिब्बती सांसदों ने भाग लिया। संसद का कार्यकाल 30 मई को समाप्त हो रहा है व नए सांसदों का भी इसी दिन शपथ ग्रहण करने का कार्यक्रम है। ऐसे में अगर दो दिन तक दलाईलामा द्वारा विचारार्थ रखी गई नई प्रस्तावना बारे कोई निर्णय नहीं आता है, तो इनके हस्तांतरण के बारे में निर्वासित तिब्बती संसद के अगले सत्र में ही चर्चा हो पाएगी।
दोरजी खांडू को दी श्रद्धांजलि धर्मशाला : निर्वासित तिब्बती संसद के विशेष सत्र के पहले दिन सभी सांसदों ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के निधन पर भी दुख जताया। सत्र शुरू होने से पहले सांसदों ने अरुणाचल के दिवंगत मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पहले दिन के सत्र में तिब्बत सरकार के मौजूदा प्रधानमंत्री प्रो. सामदोंग रिपोंछे सहित सभी सांसद मौजूद थे। जबकि नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री लोबसांग सांग्ये ने विजटर गैलरी में विशेष सत्र की कार्यवाही देखी।