यात्रा का नेतृत्व कर रहे दावा छीरंग ने बताया कि चीनी सरकार तिब्बतियों पर अत्याचार कर रही है। खासकर कीर्ती मठ नगाबा उनके निशाने पर है। बौद्ध भिक्षुओं को जबरन मठ से निकाला जा रहा है। उन पर झूठे आरोप लगाकर बंदी बनाया जा रहा है। इसलिए विश्व को जागरूक करने के लिए यात्रा निकाली जा रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन किया जाएगा। दावा ने बताया कि कीर्ती मठ तिब्बत के दक्षिणी प्रांत आमदों में स्थित है। इसकी स्थापना 1870 में हुई थी। कीर्ती मठ तिब्बत के सबसे बड़े मठों में एक है। जिसमें 2500 बौद्धभिक्षु रहते हैं। भिक्षु जीटी रोड स्थित रोड धर्मशाला से निकले और लालबत्ती, इंसार चौक, सलारगंज गेट व तहसील कैंप से होते हुए वापस रोड धर्मशाला पहुंचे।
ये है पदयात्रा का उद्देश्य
पदयात्रा के उद्देश्य के बारे में दावा का कहना है कि हमारी पदयात्रा का उद्देश्य कीर्तीमठ नगाबा के लिए सहानुभूति प्रकट करना है। उन्होंने बताया कि चीन द्वारा तिब्बत के लोगों पर किये जा रहे अत्याचार के बारे में विश्व जागरुक हो हमारी यात्रा का यही संदेश है।