धर्मशाला। निर्वासित तिब्बती संसद के सरकारों को तिब्बत के समर्थन के लिए तैयार करने की पहल के हिस्से के रूप में सांसद गेशे न्गावा गांगरी और तेनज़िन चोएज़िन के एक प्रतिनिधिमंडल ने भोपाल में इस पक्षधरता कार्यक्रम के प्रयासों की शुरुआत की।
भोपाल पहुंचने पर तिब्बती सांसदों का भारत-तिब्बत मैत्री संघ के सदस्यों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। २६ जनवरी को भारत-तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) के श्री गिरिराज किशोर, श्री राधे महाराज, श्रीमती अनीता जी और अन्य सदस्यों ने सर्किट हाउस में उनसे मुलाकात की। इस बैठक का उद्देश्य तिब्बती सांसदों का स्वागत करना, उनकी चर्चा में शामिल होना और शहर के भीतर उनके एडवोकेसी कार्यक्रमों की योजना बनाना था।
इसके बाद श्रीमती भोपाल की महापौर मालती राय के साथ एक बैठक आयोजित की गई। इस दौरान सांसदों ने तिब्बत की वकालत की और क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर प्रकाश डाला। इसके बाद उनकी मुलाकात गुफा मंदिर के (महंत) श्री श्री राम प्रवेश दासजी महाराज से हुई।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य श्री दिनेश यादव द्वारा सांसदों के सम्मान में दोपहर के भोजन की मेजबानी की गई। मुलाकात के दौरान उन्होंने पंडित भंवर लाल शर्मा को शुभकामनाएं दीं और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की कार्यप्रणाली से परिचित कराया।
मध्य प्रदेश सरकार ने आवास और परिवहन की सुविधा प्रदान की।
प्रतिनिधिमंडल २७ जनवरी २०२४ को भोपाल में एनआरआई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में पहुंचा। यहां ५०० से अधिक छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए तिब्बती सांसदों ने चीन-तिब्बत संघर्ष और तिब्बत में वर्तमान खतरनाक स्थिति के जटिल स्थितियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने लगातार समर्थन की अपील करते हुए तिब्बत और तिब्बतियों के प्रति अटूट समर्थन और एकजुटता के लिए भारत और यहां के नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया। एनआरआई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष ने संस्थान में १० तिब्बती छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और सीटें आरक्षित करने की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने भोपाल विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री सुनी पांडे से शिष्टाचार मुलाकात की। अपनी बैठक के दौरान सांसदों ने तिब्बत के महत्व पर प्रकाश डाला और क्षेत्र की मौजूदा स्थिति के बारे में चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल ने मध्य प्रदेश की राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर से मुलाकात करने की भी इच्छा व्यक्त की। प्रतिनिधिमंडल ने चीन-तिब्बत संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की। इसके बाद वार्ड दो की पार्षद/प्रधान श्रीमती कुसुम चतुर्वेदी द्वारा दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई।
तिब्बती सांसदों ने भोपाल के एक्स-आर्मी एसोसिएशन के लोगों से भी मुलाकात की। इसके अतिरिक्त तिब्बती लोगों के आंदोलन को समर्थन देने के रास्ते तलाशने के लिए भोपाल में बौद्ध समुदाय के प्रतिनिधि भी उनके साथ शामिल हुए। बैठक स्थानीय बौद्ध समुदाय की एकजुटता को बढ़ाते हुए तिब्बती प्रतिनिधिमंडल को बौद्ध विहार आने के निमंत्रण के साथ संपन्न हुई।
प्रतिनिधिमंडल ने २८ जनवरी, २०२४ को मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा से शिष्टाचार मुलाकात की। बैठक के दौरान तिब्बती सांसदों ने उपमुख्यमंत्री को तिब्बत के अंदर की मौजूदा गंभीर स्थिति के बारे में जानकारी दी और दस्तावेजों के आधार पर भारत के लिए तिब्बत के महत्व पर जोर दिया।
चीन-तिब्बत संघर्ष और तिब्बत में महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाते हुए सांसदों ने २६वें डिजिआना-आईईएस इंटर प्रेस क्रिकेट टूर्नामेंट २०२४ की चर्चा में भाग लिया। उन्होंने आठवें अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव में भी भाग लिया, जहां उन्होंने अन्य विषयों के अलावा तिब्बती बौद्ध धर्म के महत्व पर बात की। महोत्सव में प्रतिनिधिमंडल की बातचीत भारत समेत आठ देशों के बौद्ध समुदाय के सदस्यों के साथ हुई।
इन आयोजनों के बाद प्रतिनिधिमंडल का संत हिरदाराम गर्ल्स कॉलेज में गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्होंने परमहंस संत हिरदाराम साहिबजी (१९०६-२००६) के आश्रम का दौरा किया। इसके बाद सांसदों ने भारत-तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) की लगभग १५ महिला सदस्यों के साथ बैठक की। इसके बाद एक सार्वजनिक चर्चा हुई, जिसमें डॉ. बी.आर. आंबेडकर के लगभग ३०० भारतीय बौद्ध अनुयायियों ने भाग लिया। इस सत्र के दौरान उन्होंने तिब्बती बौद्ध धर्म का परिचय दिया और दोनों समुदायों के बीच संबंध मजबूत करने की रणनीतियों पर चर्चा की।