वाशिंगटन डीसी। वाशिंगटन डीसी स्थित तिब्बत कार्यालय में चीनी संपर्क अधिकारी छुल्ट्रिम ग्यात्सो ने १९ से २१ जनवरी २०२४ तक आयोजित ‘अहिंसक प्रतिरोध, हाई-टेक अधिनायकवाद और चीन का भविष्य’ विषयक पर संगोष्ठी में भाग लिया।
प्रसिद्ध चीनी वकील और राजनीतिक कार्यकर्ता टेंग बियाओ ने उस संगोष्ठी की अध्यक्षता की। संगोष्ठी का आयोजन विक्टिम्स ऑफ कम्युनिज्म मेमोरियल फाउंडेशन, चाइना एक्शन और इंस्टीट्यूट फॉर चाइना डेमोक्रेटिक ट्रांजिशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। संगोष्ठी में अनेक चीनी शिक्षाविद, लेखक और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इनमें प्रमुख चीनी शोधकर्ता पेरी लिन, हूपिंग में लोकतंत्र समर्थक पत्रिका बीजिंग स्प्रिंग के संपादक प्रो. कैक्सिया, आईपीके मीडिया के संस्थापक वांग रुइकिन, जाने-माने उग्यूर कार्यकर्ता इल्शात कोकबोरे और तियानमेन चौक नरसंहार में जीवित बचे रोज़ टैंग शामिल थे। इन सबको आगामी आंदोलनों और अभियानों पर चर्चा करने के लिए बैठक में आमंत्रित किया गया था। सभा में परम पावन दलाई लामा के बारे में भी बहुत बातें की गईं और उन्हें अहिंसक आंदोलनों के आदर्श के रूप में स्वीकार किया गया।
अपने संबोधन में चीनी संपर्क अधिकारी छुल्ट्रिम ग्यात्सो ने कहा कि परम पावन दलाई लामा का अहिंसक दर्शन दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण बातचीत से करने का मौलिक चिंतन है। उन्होंने आगे रेखांकित किया कि परम पावन के मार्गदर्शन के अनुसार केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के नेतृत्व में तिब्बती लोगों पर चीन के उत्पीड़न का विरोध करने के लिए निर्वासित तिब्बतियों द्वारा कई तरह की अहिंसक पहल की जा रही है। तिब्बती प्रतिनिधि ने उसी समय संगोष्ठी में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना द्वारा तिब्बती भाषा और संस्कृति को मिटाने के प्रयासों के बावजूद तिब्बती पहचान के प्रचार और संरक्षण में तिब्बती लोगों की सक्रिय भागीदारी का उल्लेख किया। संगोष्ठी स्थगित होने से पहले सम्मेलन के प्रतिभागियों ने भविष्य के कार्यक्रमों पर सहयोग जारी रखने को लेकर सहमति व्यक्त की।