पेरिस। वियना में अपना आधिकारिक कार्यक्रम संपन्न करने के बाद केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ३० नवंबर को पेरिस पहुंचे। सिक्योंग का हवाई अड्डे पर तिब्बती सांसद थुप्टेन ग्यात्सो, ब्रुसेल्स स्थित तिब्बत कार्यालय के प्रतिनिधि रिगज़िन चोएडॉन जेनखांग, पेरिस समन्वयक थुप्टेन छेरिंग और ब्यूरो डू तिब्बत के कर्मचारी, पेरिस-तिब्बती एसोसिएशन के अध्यक्ष कर्मा थिनले और स्थानीय तिब्बती समुदाय के सदस्यों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
पेरिस में सिक्योंग पेन्पा छेरिंग का साक्षात्कार पेरिस के विभिन्न मीडिया संस्थानों के मीडिया कर्मियों द्वारा किया गया, जिनमें रेडियो फ्रांस इंटरनेशनेल के नथनेल चार्बोनियर, लिबरेशन से अरनॉड वाउलेरिन, रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल के जान वान डेर मेड, लेमोंडे के ब्रूनो फिलिप और इंटरनेशनल न्यूज चैनल फ़्रांस २४ के पत्रकार शामिल थे।
सिक्योंग ने क्रमशः ०१ और ०२ दिसंबर को अपने आधिकारिक कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में पेरिस स्थित बौद्ध केंद्रों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ तिब्बती युवाओं के एक समूह से भी मुलाकात की। उन्होंने सीटीए की वी-टैग पहल में भाग लेने के माध्यम से तिब्बत मुक्ति साधना का पक्ष मजबूत करने के तरीके पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने तिब्बती युवाओं के दल के साथ तिब्बती पर्यावरण, धर्म, परंपरा और भाषा के महत्व के बारे में बात की।
०२ दिसंबर की दोपहर में निर्वासित तिब्बती समुदाय के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रमुख ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से संबंधित सदन की समिति (एचएफएसी) से द्विदलीय रिजॉर्व तिब्बत ऐक्ट (तिब्बत समाधान अधिनियम) की हालिया मंजूरी और अन्य प्रमुख मुद्दों के बारे में पेरिस में तिब्बती समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘यह विधेयक दर्शाता है कि पीआरसी का यह दावा ऐतिहासिक रूप से कितना अविश्वसनीय है कि तिब्बत हमेशा से चीन का हिस्सा रहा है। यह विधेयक अमेरिकी विदेश मंत्रालय को गैंडेन फोडरंग सरकार सहित तिब्बती इतिहास, संस्कृति और संस्थानों के साथ सीपीसी के छेड़छाड़ का मुकाबला करने के लिए अधिकृत करेगा। इसके अलावा, सिक्योंग की बातचीत में परम पावन दलाई लामा के योगदान और उनकी विरासत, तिब्बत में चिंताजनक मानवाधिकार स्थिति, वर्तमान कशाग के राजनीतिक और प्रशासनिक उपक्रम और तिब्बत-चीन संघर्ष के समाधान में आम तिब्बतियों की सक्रिय भागीदारी के महत्व को भी याद किया गया। अपनी आधिकारिक यात्रा को समाप्त करने से पहले सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने ०३ दिसंबर को तिब्बती वीकेंड स्कूल का दौरा किया और शिक्षकों के साथ बातचीत की।