सिक्किम। कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज-इंडिया (सीजीटीसी-आई) के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर बंगाल और सिक्किम के दौरे के अंतिम चरण मेंतिब्बती लोकतंत्र दिवस समारोह की ६३वीं वर्षगांठ परसिक्किम की राजधानी गंगटोकमें एक कार्यक्रम में भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल मेंसीजीटीसी-आई के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री सुरेंद्र कुमार, क्षेत्रीय संयोजक श्री सौम्यदीप दत्ता, आईटीसीओ समन्वयक थुप्टेन रिनज़िन और उप समन्वयक तेनज़िन जॉर्डन ने भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल में सीजीटीसी-आई के क्षेत्रीय संयोजक श्री पेमा वांग्दा भूटिया भी शामिल थे, जो गंगटोक में ही रहते हैं।
०२ सितंबर, २०२३ को गंगटोकमें आयोजित ६३वें तिब्बती लोकतंत्र दिवस समारोह में श्री सुरेंद्र कुमार और श्री सौम्यदीप दत्तासम्मानित अतिथि थे। गंगटोक स्थिततिब्बती सेटलमेंटकार्यालय और क्षेत्रीय डोमी एसोसिएशन द्वारा चोलखा सम हॉलमें आयोजित इस कार्यक्रम में ब़ड़ी संख्या में विशिष्ट लोगों की उपस्थितिदेखी गई।
सिक्किम सरकार के धार्मिक मामलों, ग्रामीण विकास और सहकारिता विभाग के राज्य मंत्री माननीय श्री सोनम लामा इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथियों में विधायक श्री वाई.टी. लेप्चा, चिथ्यू यूडॉन औकात्सांगऔर अन्य शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में तिब्बती और स्थानीय दोनों समुदायों की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही।इसमेंभारत-तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) जैसे तिब्बत समर्थक समूह (टीएसजी) की उपस्थित उल्लेखनीय थी। गंगटोक स्थित तिब्बती सेटलमेंट अधिकारी लख्पा छेरिंग ने कशाग का वक्तव्य पढ़ा, जिसमें राज्य में तिब्बती समुदाय को लाभ पहुंचाने वाले हालिया सकारात्मक विकासों के बारे में जनता को जानकारी दी गई। चिथुए यूडॉन औकात्सांग ने निर्वासित तिब्बती संसद के बयान को पढ़ा, जिसमें विविध विचारों और दृष्टिकोणों का सम्मान करते हुए लोकतंत्र को संजोने के महत्व पर जोर दिया गया था।
आईटीसीओ समन्वयक थुप्टेन रिनज़िन ने स्थानीय समुदाय के बीच तिब्बत की वर्तमान स्थिति की जानकारी देकरजागरुकता बढ़ाने और उनका समर्थन हासिल करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने आईटीसीओ और सीजीटीसी-आई की पृष्ठभूमि की जानकारी देतेहुएदोनों का पूरापरिचय दिया।
श्री सौम्यदीप दत्ता ने हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के बीच अंतर्संबंध की समझ को जमीनी स्तर पर बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया और तिब्बत में बड़े पैमाने पर चीन द्वारा बांध निर्माण के भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर संभावित प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ये राज्य पहले से ही चीनी नीतियों के परिणामों का सामना कर रहे हैं, जिसमें ब्रह्मपुत्र नदी मेंपरमाणु कचरे डालने से उत्पन्न प्रदूषण और तिब्बत में व्यापक खनन गतिविधियां शामिल हैं।
विशिष्ट अतिथिश्री सुरेंद्र कुमार ने माननीय मंत्री सोनम लामा से सभी हिमालयी राज्यों के नेताओं की एक बैठक बुलाने का आग्रह किया, जिसमें केंद्र सरकार से अन्यराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों से निपटने के साथपरमपावन १४वें दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध करने का आग्रह किया जा सके। उन्होंने भारत के हितों की रक्षा के लिए तिब्बत के हितों को सबसे आगे रखते हुए भारत सरकार को अपनी तिब्बत नीति को फिर से व्याख्यायितकरने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत-तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफएस) द्वारादेश भर में अपने चैप्टर को३०० तक विस्तारित करने की की योजना काभी खुलासा किया।
मुख्य अतिथि माननीय श्री सोनम लामा ने तिब्बत और भारत, विशेषकर भारत के हिमालयी राज्यों के बीच हजारों साल पुराने संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने परम पावन १४वें दलाई लामा के अविश्वसनीय योगदान की प्रशंसा की और उन उदाहरणों का वर्णन किया जब परम पावन ने सिक्किमको आशीर्वाद दिया था। उन्होंने श्री सुरेंद्र कुमार के सुझाव के प्रति समर्थन व्यक्त किया और सिक्किम के मुख्यमंत्री और अन्य हिमालयी राज्य के नेताओं के साथ मिलकर भारत सरकार से परमपावन को भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध करने का वचन दिया।
कार्यक्रममें तिब्बती मुद्दे के प्रति अटूट समर्थन के लिए श्री सुरेंद्र कुमार और श्री सौम्यदीप दत्ता का अभिनंदन भी किया गया। स्थानीय तिब्बती कलाकारों और गोर्शे छोकपा केसांस्कृतिक नृत्य मंडलों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शोभा में चार चांद लगा दिए।
इस कार्यक्रम के साथ ही सीजीटीसी-आई के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री सुरेंद्र कुमार, क्षेत्रीय संयोजक श्री सौम्यदीप दत्ता, आईटीसीओ समन्वयक थुप्टेन रिनज़िन और उप समन्वयक तेनज़िन जॉर्डन के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर बंगाल और सिक्किम के अपने सप्ताह भर के दौरे का समापन किया।इस दौरे का उद्देश्य तिब्बत समर्थक समूह (टीएसजी)को मजबूत और पुनर्जीवित करना औरसालुगाड़ा, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और गंगटोक में तिब्बत जागरुकता को बढ़ावा देना था।
नई दिल्ली स्थित भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) ने तिब्बत मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए सप्ताह भर के दौरे का प्रबंध किया।