नई दिल्ली।३० सितंबर २०२३ कोऑस्ट्रिया और जर्मनी के सात सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में केंद्रीय तिब्बत प्रशासन (सीटीए) के सिक्योंग पेन्पा छेरिंग से फ्रेडरिक नौमान फाउंडेशन फॉर फ्रीडम (एफएनएफ) के दक्षिण एशियाईक्षेत्रीय कार्यालय में मुलाकात की।इस कार्यक्रम का आयोजन एफएनएफ और सीटीए के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। एक उदारवादी फाउंडेशन के रूप में कार्यरत एफएनएफ आर्थिक स्वतंत्रता, मानवाधिकार, सुशासन और मुक्त बाजारों की वकालत करता हैऔर १९९१ से सीटीए कास्थायी साझेदार बना हुआ है।
बैठक का प्राथमिक उद्देश्य सीटीए की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के बारे में चर्चा करना और निर्वासित तिब्बती सरकार की विकास-यात्राको समझना था। यह बैठक २९ सितंबर से ०८ अक्तूबर तक ईयूसांसदों के दक्षिण एशिया के शैक्षिक दौरे का हिस्सा थी। इस दौरे के दौरानसांसद दक्षिण एशियाई क्षेत्र में प्रचलित लोकतांत्रिक प्रणालीकी जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से भारत और भूटान का दौरा करेंगे।
सिक्योंग के साथ बैठक के दौरान यूरोपीय सांसदों ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) को समझने, इसके कार्यों, शासन प्रक्रियाओं और सीटीए सांसदों के लिए चुनाव प्रक्रिया के बारे में गहराई से जानने में गहरी रुचि व्यक्त की। जवाब में, सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने सीटीए के मिशन और संचालन की व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने सीटीए के भीतर लोकतांत्रिक ढांचे के महत्व पर जोर देते हुए निर्वासन में रहने वाले तिब्बतियों द्वारा सामना की जाने वाली दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। इसके अलावासिक्योंग छेरिंग ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मंच पर तिब्बती मुद्दे की वकालत करने में सिक्योंग कार्यालय द्वारा निभाई गई केंद्रीय भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सीटीए और तिब्बती प्रवासियों को दिए गए अहम समर्थन के लिए यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल काआभार व्यक्त किया।यूरोपीय संघ का समर्थन तिब्बतियों के हितों को आगे बढ़ाने में यूरोप द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
यूरोपीय संघ प्रतिनिधिमंडल के भाग लेने वाले सदस्यों में ऑस्ट्रिया के सांसद यानिक शेट्टी, ऑस्ट्रिया की वियना लेजिस्लेटिव असेंबली के सदस्य डोलोरेस बाकोस, जर्मनी के थुरिंगिया स्टेट पार्लियामेंट के डिप्टी स्पीकर डिर्क बर्गनर,जर्मनी के जेना नगर निगम के विभागाध्यक्ष रेजिना बर्गनर, जर्मनी के एफडीपी बुंडेस्टाग समूह के संसदीय दल के नेता टॉर्स्टन हर्बस्ट, जर्मनी के संसद सदस्य सैंड्रा वीसर, क्रिस्टीन एशेनबर्ग-डुग्नसऔर ओलाफ इन डेर बीक शामिल थे।‘