धर्मशाला।तिब्बत से आई नवीनतम वीडियो क्लिप में जेल में बंद प्रसिद्ध तिब्बती उद्यमी दोर्जी ताशी की बड़ी बहन गोनपो की ने एक बड़ा खुलासा किया है। गोनपो का कहना है कि कल ०१अगस्त को द्रापची जेल के पास चीनी पुलिस के एक समूह ने उनको मारा-पीटा। वीडियो में गोनपो की कहती हैं,‘०१ अगस्त कोमैंने द्रापची जेल के पास के थाने से संपर्क किया और देश के संविधान और कानून के प्रावधानों के तहत अपने भाई से मिलने के लिए अधिकारियों से अनुमति मांगी। चूंकि मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था, इसलिए मैंने अधिकारियों के सामने साष्टांग दंडवत किया और अनुरोध किया कि चीनी संविधान के अनुसार प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए। अधिकारियों ने मुझे बर्बरता से ज़मीन पर घसीटा और साष्टांग दंडवत करने के कारण मुझ पर क़ानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।‘अपनी बांहों और कोहनियों पर घसीटने के कारण छिलने के निशान दिखाते हुए वह कहती हैं, ‘ये जेल पुलिस के हाथों मुझे पीटे जाने और घसीटे जाने के सबूत हैं। चूंकि मैंने अपने कैदी भाई से मिलने का अनुरोध किया था, इसलिए लगभग चार से पांच पुलिसवालों ने मुझे जानवरों की तरह घसीटा। भाई से मिलने के लिए मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था।‘
एक महीने पहले१३ जुलाई को गोनपो की ने एक अन्य वीडियो बयान में अपने भाई दोर्जीताशी की कुशलता को लेकर गहरी चिंता जताई थी और चीनी कानून और संविधान के अनुसार उनसे मिलने की अनुमति मांगी थी।
दोर्जीताशी चीनी जेल में १५ वर्षों से अधिक समय से बंद हैं। पिछले कुछ वर्षों में दोर्जीताशी के परिवार के सदस्यों की चिंताएं उन पर होने वाली यातनाओं और पिटाई के कारण उनके गिरते स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जा रही हैं। मामले की निष्पक्ष सुनवाई और समीक्षा कराने के कई अनुरोधों के बावजूदवह अभी भी जेल में बंद हैं। जेल में उनसे मिलने से उनके परिवार को मनाकर दिया गया है और उच्च अधिकारियों से की गई उनकी अपील बेकार साबित हुई है। उन पर निर्वासित तिब्बतियों को दान देने और तिब्बत में तिब्बती प्रदर्शनकारियों को धन मुहैया कराने का संदेह जताया गया था। इसी आरोप के संदेह में दोर्जीताशी को १० जुलाई २००८ को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद१७ मई २०१० को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।