कैनबरा। ऑस्ट्रेलियाई संसद के दोनों सदनों- प्रतिनिधि सभा और सीनेट- ने २० जून २०२३ को सिक्योंग पेन्पा छेरिंग को सम्मानित किया।
माननीय उपसभापति शेरोन क्लेडन और सदन के सदस्यों की उपस्थिति में सांसद डॉ. सोफी स्कैम्प्स और सांसद सुसान टेम्पलमैन ने ऑस्ट्रेलियाई संसद की कार्यवाही देखने आए सिक्योंग पेन्पा छेरिंग का स्वागत किया।
सांसद सोफी स्कैम्प्स और सांसद सुसान टेम्पलमैन ने सदन का ध्यान चीनी शासन में तिब्बत के अंदर की गंभीर स्थिति की ओर दिलाया, जिसमें तिब्बती बच्चों को ‘औपनिवेशिक शैली’ के बोर्डिंग स्कूलों में जबरन भर्ती करना और परम पावन दलाई लामा के पुनर्जन्म मामले में चीनी सरकार का हस्तक्षेप शामिल है। सांसदों ने तिब्बत मामले में बहुपक्षीय मंचों पर सार्वजनिक और निजी तौर पर सीधे चीन के साथ मानवाधिकारों की वकालत करने के महत्व पर भी जोर दिया।
ऑस्ट्रेलियाई सीनेट में सिक्योंग पेन्पा छेरिंग और उनके साथ आए तिब्बती प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए सीनेटर जेनेट राइस ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से विशेष रूप से एक नीति बनाने और ‘चीनी सरकार के किसी भी हस्तक्षेप के बिना दलाई लामा के उत्तराधिकार की रक्षा करने’ का आग्रह किया। सीनेटर राइस ने चीन सरकार से चीन-तिब्बत संघर्ष को हल करने के लिए परम पावन दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का भी आह्वान किया।
सीनेटर लिंडा रेनॉल्ड्स ने तिब्बत में धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन और तिब्बती संस्कृति और धर्म के ‘जान-बूझकर’ चीनीकरण किए जाने के बारे में बढ़ती वैश्विक चिंताओं को उठाया। तिब्बत में सरकार द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों की आलोचना करते हुए सीनेटर रेनॉल्ड्स ने इस नीति को ‘तिब्बती माता-पिता और बच्चों के अपने परिवारिक इकाइयों की अखंडता को बनाए रखने के उनके अधिकारों में हस्तक्षेप करके उनके अधिकारों का मौलिक उल्लंघन’ करना बताया।
सीनेटर डेबोरा ओ’नील ने चीनी सरकार द्वारा तिब्बती धार्मिक अभिव्यक्ति के दमन, अत्यधिक सुरक्षा उपायों, बड़े पैमाने पर निगरानी, यात्रा पर प्रतिबंध और तिब्बती सांस्कृतिक अधिकारों और विरासत पर चीन की दमनकारी नीतियों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की।
सीनेटर लिडिया थोरपे ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से तिब्बत में सांस्कृतिक संहार के खिलाफ ‘खड़े होने’ और तिब्बत में चीन द्वारा अपनी संस्कृति थोप कर तिब्बती संस्कृति को निगल जाने की नीति की संयुक्त राष्ट्र से जांच कराने के लिए सहयोगियों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समूह बनाने का आह्वान किया।
सीनेटर टोनी शेल्डन ने औपनिवेशिक बोर्डिंग स्कूलों, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी, तिब्बत में जबरन श्रम और परम पावन दलाई लामा के उत्तराधिकार मामले में चीन के हस्तक्षेप पर भी चिंता व्यक्त की।
सीनेटर जॉर्डन स्टील जॉन और सीनेटर निक मैककिम ने परम पावन १४वें दलाई लामा के उत्तराधिकार के मामले में चीनी सरकार के हस्तक्षेप का कड़ा विरोध करते हुए इस मामले में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की निभाने योग्य भूमिका पर प्रकाश डाला।
ऑस्ट्रेलियाई सांसदों और तिब्बत के लिए सर्वदलीय संसदीय समूह के सदस्यों ने धर्मशाला की अपनी हालिया यात्रा के दौरान परम पावन दलाई लामा और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के नेतृत्व से मुलाकात के अपने अनुभवों को व्यक्त किया और तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति अपने निरंतर समर्थन को दोहराया। सिक्योंग पेन्पा छेरिंग के साथ कैनबरा स्थित तिब्बत कार्यालय के प्रतिनिधि कर्मा सिंगे और कैनबरा तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।