टोक्यो। डर को पीछे छोड़ते हुए २००८ में वीरतापूर्ण फिल्म ‘जिगद्राल’ का निर्माण कर तिब्बत में चीनी क्रूर नीति का पर्दाफाश करने वाले बहादुर तिब्बती देशभक्त धोंडुप वांगचेन पिछले बुधवार को अपने परिवार के साथ टोक्यो गए थे। तिब्बत फिल्म्स एंड टॉक्स कमेटी (चिबेटो नो एइगा जोई टू टोक) ने टोक्यो और कई अन्य स्थानों पर धोंडुप वांगचेन की यात्रा और वार्ता का आयोजन किया।
जापान में आयोजकों और तिब्बती समुदाय के सदस्यों ने २४ मई को टोक्यो के नारिता हवाई अड्डे पर फिल्म निर्माता और उनके परिवार का स्वागत किया।
धोंडुप वांगचेन ने २६ मई को फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब फॉर जापान (एफसीसीजे) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जहां उन्होंने २००८ की गुप्त वीडियो रिकॉर्डिंग की पृष्ठभूमि में तिब्बत की स्थिति और तिब्बती भाषा और संस्कृति का चीनीकरण करने की चीनी नीति की व्याख्या की। बाद में दोपहर में उन्होंने एक वीडियो स्क्रीनिंग में भाग लिया और मीजी विश्वविद्यालय में व्याख्यान दिया।
२७ मई को फिल्म निर्माता और उनके परिवार ने शिंजुकु हॉल में अपने संघर्ष और जीवन के अनुभवों के बारे में बात की। उनकी पत्नी ल्हामो छो और दो बेटियों धदोन और ल्हामो ने बताया कि कैसे वे अपने पिता की समय पर एक चीनी जेल से रिहाई और तिब्बत से उनके अंतिम पलायन और अमेरिका में शरण के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे थे।
परम पावन दलाई लामा के संपर्क कार्यालय के प्रतिनिधि डॉ़ आर्य छेवांग ग्यालपो ने धोंडुप वांगचेन और तिब्बत में स्वतंत्रता और न्याय की दुर्लभता के खिलाफ उनके परिवार द्वारा किए गए संघर्षों का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने श्रोताओं को तिब्बत की स्थिति और सीसीपी नेतृत्व द्वारा तिब्बती धर्म, संस्कृति और भाषा को नष्ट करके तिब्बती पहचान को मिटाने की साजिशों के बारे में जानकारी दी।
धोंडुप वांगचेन और उनके परिवार को उनके योगदान और बलिदान के लिए धन्यवाद देते हुए प्रतिनिधि आर्य ने आयोजकों मैरी ओगावा, हिरोमी इकेदा और अन्य लोगों को जापान में धोंडुप वांगचेन की यात्रा और वार्ता को संभव बनाने के लिए धन्यवाद दिया।
तिब्बत हाउस, जापान ने धोंडुप वांगचेन और उनके परिवार का आज २९ मई को कार्यालय में स्वागत किया, जहां प्रतिनिधि आर्य और कर्मचारियों ने परिवार की अगवानी की और उन्हें जापान की स्थिति और कार्यालय की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। तिब्बत हाउस ने तिब्बती मुद्दे के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। बाद में, तिब्बत हाउस जापान ने परिवार के लिए दोपहर के भोज का आयोजन किया। धोंडुप वांगचेन और उनके परिवार के साथ जापान में तिब्बती समुदाय के लोबसांग येशे भी थे।
टोक्यो के अलावा, आयोजकों ने नागोया, फुकुओका सिटी, ओसाका, कोच्चि और कामाकुरा में धोंडुप वांगचेन की फिल्म स्क्रीनिंग और वार्ता की योजना बनाई है। धोंडुप वांगचेन कल ३० मई से इन शहरों की यात्रा करेंगे। इन आयोजनों को एमनेस्टी इंटरनेशनल, सुपर संघ, एसएफटी जापान, पुफेस्ट तिब्बत कमेटी, तिब्बत हाउस,जापान आदि का समर्थन प्राप्त है।