धर्मशाला।आज १० मार्च को यहां धर्मशाला में आयोजित ६४वीं तिब्बती जनक्रांति दिवस के स्मरणोत्सव में विदेशी संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के ३० से अधिक सदस्य शामिल हुए। इस अवसर पर मेक्सिको, यूरोपीय संसद, लिथुआनिया और ताइवान के संसदीय प्रतिनिधिमंडलों ने तिब्बती नेतृत्व और निर्वासित तिब्बतियों के साथ एकजुटता जताते हुए उन तिब्बती शहीदों को सम्मानित करके इस दिन को याद किया, जो चीनी सरकार के कब्जे के खिलाफ निडरता से खड़े रहते हुए बलिवेदी पर चढ़ गए थे।
स्मरणोत्सव कार्यक्रम में यूरोपीय संसद के प्रतिनिधिमंडल में सांसद मिकुलस पेक्सा, सांसद सलीमा येनबो, सांसद हेंस हेइड और सांसद ऑसरा मालदेइकिएन शामिल थे। इनके सहयोग के लिए वहां से संसदीय सहायक सैमुअल वी सैमुअल वैंको, टॉमस एडमेक, मार्टिना टेसेरी, एडुआर्ड एलेक्स सार्री भी थे। इसी तरह मैक्सिको संसद के प्रतिनिधिमंडल में सांसद लिडिया गार्सिया अनाया, सांसद दुलस मारिया कोरिना, सांसद इनेस पारा जुआरेज़, सांसद सल्वाडोर कारो कैबरेरा, सांसद मारिया एलेना लिमोन गार्सिया, सांसद मा टेरेसा रोसौरा ओचोआ मेजिया, सांसद जूलियट मेजिया इबनेज़,सांसद लिडिया पेरेज़ बारसेनास, सांसद जोस मिगुएल डे ला क्रूज़ लीमा और लिथुआनियाई सांसद अरुणास वालिंस्कास शामिल थे।
इस समारोह में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के तीनों लोकतांत्रिक स्तंभों के प्रमुख, कालोन, सांसद, सचिव, सीटीए के अधिकारी, निदेशक और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। मारोह में निर्वासित तिब्बती संसद के अध्यक्ष खेनपो सोनम तेनफेल और सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने क्रमश संसद और कशाग की ओर से बयान पढ़े। मुख्य अतिथि सांसद मिकुलस पेक्सा ने अपने मुख्य भाषण में तिब्बत में बड़े पैमाने पर डीएनए परीक्षण जैसी चीनी दमनकारी नीतियों की यूरोपीय संघ की ओर से कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि चीन की यह दमनकारी नीतियां तिब्बतियों के अधिकारों का उल्लंघन करती हैं और अनिवार्य औपनिवेशिक बोर्डिंग प्रणाली के स्कूलों माध्यम से तिब्बती बच्चों को बहुसंख्यक हान संस्कृति में जबरन आत्मसात करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इन दबाव वाले मुद्दों पर यूरोपीय संघ द्वारा गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
सांसद पेक्सा ने कहा,‘मुझे विश्वास है कि मैं जो बोल रहा हूं उससे हमारे सभी साथी सांसद सहमत होंगे।‘उन्होंने कहा कि हम तिब्बती लोगों पर हुए अन्याय को उजागर करने के लिए अपनी स्थिति का लाभ उठाते हुए हरसंभव प्रयास करेंगे। हम चीन को इस अपराध के लिए जवाबदेह ठहराना जारी रखेंगे। विशेष अतिथि और नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी (एनईडी) के अध्यक्ष डेमन विल्सन ने स्वतंत्रता, न्याय और लोकतंत्र के लिए तिब्बती लोगों के संघर्ष के साथ अपनी एकजुटता और समर्थन व्यक्त करते हुए तिब्बती लोगों के प्रेरक अदम्य साहस और अविचलित भावना की सराहना की।
उन्होंने तीन बिंदुओं को रेखांकित करते हुए बताया कि विश्व किस प्रकार तिब्बत और तिब्बती लोगों से प्रेरणा ले सकता है। पहला,निर्वासन में तिब्बती लोगों द्वारा सत्य और न्याय की खोज में अहिंसा और करुणा के सिद्धांतों से डगमगाए बिना ६४ वर्षों तक संघर्ष को जारी रखना दुनिया भर के सभी स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों के लिए प्रेरणा का एक मॉडल बन सकता है। दूसरे बिंदु के तौर पर उन्होंने लोकतंत्र की संपन्न तिब्बती प्रणाली स्थापित किए जाने को दुनिया भर में नैतिक उदाहरण के रूप में की प्रशंसा की। तीसरे में उन्होंने तिब्बतियों को परम पावन दलाई लामा के सौभाग्य और आशीर्वाद की याद दिलाई, जिन्हें विश्व स्तर पर प्यार किया जाता है और परेशान दुनिया में आशा की किरण के तौर पर उम्मीद के साथ देखा जाता है।
उन्होंने कहा,‘दुनिया को तिब्बत की जरूरत है और तिब्बतियों के पास देने के लिए बहुत कुछ है। आपको पता होना चाहिए कि आप अकेले नहीं हैं। जानिए कि हम आपके साथ खड़े हैं। न्याय, लोकतंत्र और अहिंसा के सिद्धांतों में दृढ़ रहने के लिए हमेशा गतिशील बने रहना जारी रखें। आजादी के लिए आपका संघर्ष दुनिया भर में बहुत से लोगों के लिए आशा की किरण है।‘
विशेष अतिथि के रूप में लिथुआनिया के सांसद अरुणस वैलिंस्कास ने सोवियत संघ के कब्जे के तहत बड़े होने के अपने अनुभवों और उन अशांत समय के दौरान लिथुआनिया के लोगों द्वारा सीखे गए सामूहिक सबक से सबको अवगत कराया। उन्होंने लिथुआनिया के स्वतंत्रता संघर्ष में परम पावन दलाई लामा द्वारा दिखाए गए करुणा और ईमानदारी का पालन करने में उनकी दृढ़ता और लचीलेपन को महत्वपूर्ण तत्व बताया। उन्होंने कहा,‘हम परम पावन द्वारा लिथुआनिया के प्रति दिखाई गई करुणा और समर्थन को कभी नहीं भूलेंगे और हम आशा करते हैं कि हम उस ऋण का एक हिस्सा चुका सकते हैं।‘इसके साथ ही उन्होंने तिब्बत के जल्द ही स्वतंत्र होने और इसका आनंद लेने के प्रति अपने दृढ निश्चिय मत को व्यक्त किया।
उन्होंने अंत में कहा,‘जान लें कि आपके प्रयासों का पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में दोस्तों द्वारा बारीकी से पालन किया जाता है और उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। मानवाधिकारों और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्चे और प्रतिबद्ध रहें।‘ विशिष्ट अतिथि सल्वाडोर कारो कैबरेरा ने दुर्दांत उत्पीड़क चीन के खिलाफ तिब्बती लोगों की नरमी और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने तिब्बती लोगों को स्वतंत्रता, न्याय और अहिंसा की अपनी खोज को मजबूती से जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
धर्मशाला में किसी उच्चस्तरीय विदेशी प्रतिनिधिमंडल का दौरा न केवल तिब्बतियों के साथ उनकी गहरी एकजुटता और उनके स्थायी समर्थन को व्यक्त करता है बल्कि चीन को तिब्बती लोगों के प्रति किए अन्याय की जवाबदेही लेने के लिए भी साहसिक और प्रेरणादायी संदेश भेजता है और चीन से वैश्विक समुदाय के सदस्य के नाते जिम्मेदार बनने के लिए कहता है।