जिनेवा। तिब्बत के लिए स्विस संसदीय समूह ने तिब्बत में १० लाख तिब्बती बच्चों को जबरन आत्मसात करने और उन्हें अपने परिवार और समुदाय से अलग करने को लेकर हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों द्वारा जताई गई चिंता के सुर में सुर मिलाया है।
यह बयान संसदीय समर्थक समूह के सह अध्यक्षों- नेशनल काउंसिलर्स एंड्रिया गीसबुहलर, निक गुगर, फैबियन मोलिना, निकोलस वाल्डर और काउंसिल ऑफ स्टेट्स की सदस्य और संसदीय समर्थक समूह की उपाध्यक्ष माया ग्राफ द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया।
बयान में कहा गया है, ‘तिब्बत के लिए संसदीय समूह के सदस्य उस नीति पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के बारे में बड़ी शिद्दत से चिंतित हैं जो तिब्बती बच्चों को किंडरगार्टन उम्र से चीनी शैली की आवासीय स्कूल प्रणाली में डालने को मजबूर करती है। जिसमें बच्चों या उनके माता-पिता के विरोध करने की कोई गुंजाईश नहीं है।‘नेशनल काउंसिलर और तिब्बत के लिए संसदीय समूह की सह-अध्यक्ष फैबियन मोलिना ने चेतावनी दी कि ‘आवासीय स्कूल की यह प्रणाली तिब्बती बच्चों को सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई रूप से चीनी नस्ल में विलीन हो जाने के लिए मजबूर करती है। ‘नेशनल काउंसिलर और संसदीय समूह के सह-अध्यक्ष निकोलस वाल्डर कहते हैं, ‘परिणामस्वरूप तिब्बती बच्चे अपनी मातृभाषा और तिब्बती भाषा में संवाद करना भूल रहे हैं, जो उनके विलीन हो जाने और उनकी अपनी तिब्बती पहचान के क्षरण में योगदान देता है।‘बयान में यह भी कहा गया है कि, ‘ये अपरिहार्य आवासीय स्कूल तिब्बती संस्कृति और धर्म के खिलाफ अन्य दमनकारी उपायों की शृंखला का हिस्सा हैं।‘तिब्बत ब्यूरो जिनेवा के प्रतिनिधि थिनले चुएक्यी ने तिब्बत के लिए स्विस संसदीय समूह के बयान का स्वागत किया और उनके निरंतर समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।