(सूत्रों ने कहा कि चीनी सरकार ने ल्हासा में तालाबंदी का आदेश दिया, लेकिन इसके लिए पहले से तैयारी नहीं की)
rfa.org / सोनम ल्हामो
१५ सितंबर २०२२
तिब्बती लोग चीनी सरकार की शून्य कोविडनीति को लेकर अपनी कुंठाओं को निकालने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। इस क्षेत्र के सूत्रों ने आरएफए को बताया कि इस नीति के तहत ल्हासा और तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के अन्य क्षेत्रों को पूरी तरह से बंद कर दिया है।
टीएआरमें कोविड-१९ मामले लगातार बढ़ रहे हैं। चीनी सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र में मंगलवार तक १४७ ‘पर्याप्त या उच्च कोविडसंक्रमित क्षेत्रों’ और १५८‘मध्यम स्तर के संक्रमित क्षेत्रों’में १६,९०२ पुष्ट मामले थे।
ल्हासा समेत पूरे चीन में कोविड मामलों की संख्या बढ़ते रहने के बाद ३१दिन पहले ल्हासा में चीनी सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की थी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि लॉकडाउन का आदेश लोगों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दएि बिना आया।कुछ लोगों के पास भोजन की कमी थी। लॉकडाउन से कोविड-१९के मरीजों के लिए इलाज ढूंढना भी मुश्किल साबित हुआ है।
ल्हासा में रहने वाले एक तिब्बती ने सुरक्षा कारणों से नाम न छापने की शर्त पर आरएफए की तिब्बती सेवा को बताया, ‘ल्हासा लगभग एक महीने से बंद है।‘ सूत्र ने कहा कि चीनी सरकार जल्दबाजी में किए गए लॉकडाउन से खुद लड़खड़ा रही है।
सूत्र ने कहा,‘एक पृथकवास केंद्र में बंद एक व्यक्ति की नाक से खून बह रहा था और प्रभारी अधिकारी दरवाजा खोलने के लिए चाबी नहीं ढूंढ पाए ताकि वे उसे अस्पताल ले जा सकें। वह आदमी लगभग दो दिनों तक उस खराब स्थिति में रहा।‘
सूत्र ने कहा, ‘एक अन्य पृथकवास केंद्र मेंकिसी को दौरा पड़ा और अस्पतालों और अधिकारियों के बीच संपर्क सुविधा न होने के कारण उसे जल्दी अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। मरीज अब अस्पताल में है लेकिन बेहोश है। इसलिए भले ही चीनी सरकार ने लोगों को पृथक वास में रखने के लिए पृथकवास केंद्र की सुविधाएं स्थापित की हों, लेकिन उनके लिए सरकार के पास कोई उचित इलाज नहीं है।‘
शिकायत कहीं नहीं
चीनी सोशल मीडिया शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म डॉयिन और कुआइशौ पर तिब्बतियों ने पृथकवाससुविधाओं की आलोचना की।
एक वीडियो में एक केंद्र में भर्ती एक तिब्बती ने कहा, ‘कोई भी कोविडरोगियों की देखभाल या उनका इलाज नहीं कर रहा है और इस केंद्र में कोई स्वच्छता नहीं है।‘
सूत्र ने कहा, ‘सबसे बढ़कर, कोई अधिकारी या कार्यालय नहीं हैं जहां हम इन (दुरावस्थाओं) के बारे में शिकायत कर सकें।‘
पृथकवास केंद्रों में से एक में भर्ती एक अन्य तिब्बती ने कहा कि वे ‘बिना बिस्तरों के खाली घर’ हैं।
दूसरे मरीज ने कहा,’यदि आप घूमते हैं, तो आप वास्तव में छत से धूल गिरते हुए देख सकते हैंजो कि कोविड मरीजों के लिए अस्वास्थकर है। भोजन समय पर नहीं पहुंचता और जब तक हम तक पहुंचता है तब तक सारा भोजन खराब हो चुका होता है।‘
एक अन्य स्थानीय ने कोविड-१९ फैलाने के लिए पृथकवास केंद्रों की प्रक्रियाओं को दोषी ठहराते हुए एक वीडियो पोस्ट किया।
तीसरे व्यक्ति ने कहा, ‘हम ल्हासा में कोविड मामलों में यह वृद्धि देख रहे हैं, क्योंकि जनता की जांच करने वाले अधिकारी कभी भी अपने हाथों को साफ नहीं करते हैं, और इसलिए यह चक्र चलता रहता है।‘
हालांकि, आरएफएयह पुष्टि करने में असमर्थ है कि चीनी अधिकारियों ने जांच स्थलों पर वायरस फैलाया।
अन्य लोगों ने ल्हासा की सड़कों पर घंटों खड़े संक्रमित लोगों की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए क्योंकि सरकार घबराई हुई है और उन्हें जल्दी से निर्दिष्ट पृथकवास केंद्रों तक नहीं पहुंचा सकती है।
ल्हासा में कर्मा मठ के एक तिब्बती ने आरएफए को बताया, ‘स्थानीय अधिकारियों ने मुझे कोविड है भी या नहीं, इसका बिना किसी सत्यापन किए मुझे पृथकवास करने को मजबूर कर दिया।‘
उन्होंने मुझे एक दिन के लिए पृथकवास केंद्र में ले जाने से पहले लगभग तीन घंटे तक सड़क के किनारे इंतजार कराया और फिर मुझे छोड़ दिया। उन पृथकवास केंद्रोंमें मेरे साथ लगभग ६००लोग थे और अब मुझे चिंता है कि मुझे कोविडहो सकता है।‘