tibet.net / हजारीबाग। भारत-तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफएस) हजारीबाग ने २५ अप्रैल को हजारीबाग (झारखंड) के बड़ा बाजार में तिब्बत के ११वें पंचेन लामा का ३३वां जन्मदिन मनाया। जन्मदिन समारोह के दौरानअध्यक्ष श्री सुदेश कुमार चंद्रवंशी के नेतृत्व में आईटीएफएस सदस्यों ने ११वें पंचेन लामा की प्रार्थना की और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
श्री सुदेश कुमार ने अपने संबोधन में इस बात पर बल दिया कि परम पावन १४वें दलाई लामा ने २५ अप्रैल १९८९ को जन्में गेधुन चोएक्यी न्यिमा को १४ मई १९९५को १०वें पंचेन लामा के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी। चीनी सरकार ने १७ मई को ११वें पंचेन लामा का अपहरण कर लिया और उनके पूरे परिवार को लापता कर दिया गया, जबकि चीनी सरकार ने उनके स्थान पर एक और लड़के को थोप दियाजो बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि ११वें पंचेन लामा दुनिया के सबसे कम उम्र के राजनीतिक कैदी हैंऔर चीनी सरकार को उन्हें तुरंत अपनी कैद से मुक्त करना चाहिए। श्री सुदेश कुमार ने प्रार्थना की कि ११वें पंचेन लामा स्वस्थ रहें और दीर्घायु हों। साथ ही उन्होंने यह भी आशा और कामना की कि हम सब उनसे जल्द मिलें।
आईटीएफएस हजारीबाग के संरक्षक डॉ. बी.के. सिंह ने कहा, ‘११वें पंचेन लामा तिब्बती लोगों के सच्चे गुरु हैं जिन्हें परम पावन १४वें दलाई लामा द्वारा नियुक्त किया गया था और चीनी सरकार को उन्हें और उनके परिवार को उनकी कैद से तुरंत रिहा करना चाहिए।’
आईटीएफएस के जिला महासचिव श्री अजीत कुमार चंद्रवंशी, श्री श्याम किशोर प्रसाद, श्री अजय कुमार सिंह, श्री सुरेंद्र सिन्हा, श्री उपेंद्र सिन्हा, श्री अनिल कुमार सिंह, श्री शैलेश कुमार चंद्रवंशी और अन्य सदस्य भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
आईटीएफएस हजारीबाग के सभी सदस्यों ने एक स्वर से मांग की कि चीनी सरकार सभी की भलाई के लिए पंचेन लामा और उनके पूरे परिवार को तुरंत रिहा करे।