पंजाब केसरी, 14 अप्रैल, 2016
हांगकांगः क्या कोई देश किसी छह साल के बच्चे से डर सकता है आैर पूरी फोर्स इस डर को दूर करने के लिए लगा सकता है। जी हां, चीन एेसा देश है जोकि छह साल के एक बच्चे से डर गया।
आइए आपको बताते हैं पूरा मामला। आज से दो दशक पहले बुद्ध धर्म के अनुयायियों ने गेधुं चोकइ नईमा को पंचेन लामा (दलाई लामा के बाद दूसरे श्रेष्ठ बौद्ध भिक्षु ) का अवतार माना। छह साल के इस गेंधु चोकइ नईमा को तिब्बत के श्रेष्ठ आध्यात्मिक भिक्षु की उपाधि दी गई। उस घोषणा के बाद से आज तक यह बच्चा नहीं मिला है। 20 साल पुरानी इस घटना के मुताबिक यह बच्चा इस समय 26 वर्ष का युवा बन चुका होगा। चीन आज तक इस बात की पुष्टि नहीं कर पाया कि यह बच्चा कहां सुरक्षित है।
आठ साल तक जेल में रहे भूतपूर्व पंचेन लामा
भूतपूर्व पंचेन लामा ने तिब्बत में पड़े अकाल के पर एक रिपोर्ट लिखी। इसके बाद उनको 8 वर्ष से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा। 1989 में संदेहास्पद परिस्थियों में उनकी माैत हो गई पर कैसे हुई इसका पता नहीं चल पाया। 15 मई 1995 को गेधुं को पंचेन का 11वाँ अवतार घोषित किया गया जिसे चीन की सरकार ने नहीं माना।
1995 में चीन ने फोर्स भेजकर बच्चे को परिवार सहित अगवा कर लिया। घटना के 6 माह बाद चीन सरकार ने तिब्बती बच्चे ग्यलतसेन नोरबू पंचेन का अवतार का पद प्रदान किया लेकिन जो तिब्बती चीन से बाहर रहते थे वे इसको नहीं माने। धर्मशाला (भारत) की तिब्बत पार्लियामेंट के स्पीकर पैंपा ने चीन सरकार से बच्चे की रिहाई की अपील की है।
Link of news article: http://www.punjabkesari.in/international/news/chine-afraid-to-6-years-child-462630