( दलाई लामा की मध्यमार्गी नीति का ही अनुसरण करेंगे नए पीएम)
निर्वासित तिब्बत सरकार ने नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री डा. लोबसांग सांग्ये ने कहा है कि वह तिब्बत मसले पर चीन से वार्ता के लिए हर समय तैयार है, परंतु उनका नेतृत्व और नीति महामहिम दलाई लामा से हटकर नहीं होगी। ये शब्द शुक्रवार को उन्होंने निर्वासित सरकार की राजधानी मकलोडगंज में कहे। डा. लोबसांग सांग्ये शुक्रवार को मकलोडगंज पहुंच गए। दो चरणों में आयोजित चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल कर बतौर प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद डा. सांग्ये का मकलोडगंज का यह पहला दौरा है। निर्वासित तिब्बत सरकार के चुनावों के दौरान चीनी राजनीतिज्ञों द्वारा आतंकवादी करार दिए जाने वाले 42 वर्षीय विधि शोधकर्ता डा. लोबसांग ने कहा कि चीन तक तिब्बत मुद्दे को लेकर अपनी बात पहुंचाने के लिए वह चीनी छात्रों के लिए हावर्ड विश्र्वविधालय में कई सम्मेलन आयोजित कर रहे है। उन्होंने कहा कि उन्हें जरुर समझ पांएगे। डा. लोबसांग सांग्ये बतौर प्रधानमंत्री 30 मई को शपथ लेंगे । बावजूद इसके उनका कार्य़काल की समाप्ति के बाद शुरु होगा। इससे पूर्व 21 से 23 मई तक टीसीवी में आयोजित होने वाली विशोष महासभा में डा. लोबसंग सांग्ये को दलाई लामा की राजनीतिक शक्तियां हस्तांतरित करने को लेकर अहम फैसला लिया जाएगा।