नई दिल्ली , सादिक जमा। जामिया विश्वविधालय मंगलवार को हुए दीक्षींत समारोह में विश्वविधालय ने धार्मिक गुरु दलाई लामा को डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया । सभा को संबोधित करते हुए शांति दूत दलाई लामा ने कहा कि किसी मुस्लिम विश्वविधालय द्वारा सम्मानित किया जाना मेरे लिए गर्व की बात है । धार्मिक गुरु ने कहा कि 20 वीं सदी खून खराबे से भरा हुआ था, लेकिन इससे नुकसान के अलावा हमें कुछ प्राप्त नही हुआ । धर्मगुरु ने आगे कहा कि 21 वीं सदी शांति ले आएगा और इसके लिए धार्मिक शिक्षा का होना हमारे लिए बहुत जरुरी है, क्योंकि यही शिक्षा आपको सुख , समृद्वि व शांति दिला सकती है। इस मौके पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बस भी मौजूद थे । सिब्बल ने जामिया मिलिया विश्वविधालय को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि जामिया विश्वविधालय आज न केवल अपनी उच्च शिक्षा की बदौलत विश्व भर में जाना जा रहा है बल्कि अपने सैकुलर सोच को जारी रखते हुए भारत का गौरव बढा रहा है । छात्रों को संबोधित करते हुए सिब्बल ने यह भी कहा कि भारत का भविष्य शिक्षा के बगैर उज्जवल नहीं कर सकता इसके लिए युवाओं को आगे आना चाहिए । कार्यक्रम को आगे बढाते हुए जामिया मिलिया विश्वविधालय के कुलपति नजीब जंग ने कहा कि अगर कोई विधार्थी अहिंसा शक्ति बढाने के लिए शिक्षा का उपयोग करता है तो वह वास्तव में इंसानियत को जिंदा कर रहा है । उन्होंने कहा कि दलाई लामा बडे शांति दूतों में से एक है और उन्होंने दूतों में से एक है और उन्होंने महात्मा गांधी के शांति सेदेश को दुनिया भर में फैलाया है । सभा का समापन हजारों विधार्थियों व सैकडों बुद्बिजीवियों के बीच हुआ । विश्वविधालय द्वारा करीब 3,529 डिग्रियां बांटी गई , जिनमें 127 पीएजडी व 147 विधार्थियों को गोल्ड मैडल से सम्मानित किया गया ।
21 वीं शताब्दी शांति की होगी : दलाई लामा
[बुधवार, 24 नवम्बर, 2010 | स्रोत : लोकसत्य नई दिल्ली]
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