भारत तिब्बत समन्वय केंद्र रिपोर्ट17 मर्इ 2013
आज दिनांक 17 मर्इ 2013 को पं0 दीन दयाल उपाध्याय कालिज मेरठ में अन्र्तराष्ट्रीय भारत तिब्बत सहयोग समिति, मेरठ द्वारा तिब्बत एकजुटता समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का विषय प्रवेश पं0 दीन दयाल उपाध्याय की शिक्षा विभाग की प्राचार्या प्रो0 चारू शर्मा द्वारा किया गया। तदउपरान्त श्री एस0 एस0 ब्रोका द्वारा तिब्बत के इतिहास एवं वर्तमान पर संक्षेप में प्रकाश डाला गया।
गेंदुन छोक्यी निमा को चीन द्वारा गायब करने के 6 महीने बाद चीन ने Gyaltsen Norbu को तिब्बत का 11वां पंचन लामा घोषित कर दिया। चीन की सरकार ने निरन्तर स्वतन्त्र संगठनों एवं व्यक्तियों को दलार्इ लामा जी द्वारा चयनित पंचन लामा को प्रत्यक्ष रूप् से सामने नहीं आने दिया और यह कहा कि वे अपनी इच्छानुसार चीन के संरक्षण में हैं, क्योंकि उनको दलार्इ लामा जी के अनुयायियों से जान का खतरा है।
केन्द्रीय तिब्बती प्रशासन ने 17 मर्इ को तिब्बत एकजुटता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। यह दिन उस तिब्बती जनता की आकांक्षाओं के साथ अन्र्तराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता का प्रतीक है, जो स्वाधीनता के लिए तड़प् रही है और भारी कठिनार्इ की परिस्थिति में भी मजबूती से डटी हुर्इ है। वर्ष 1995 में इसी दिन सिर्फ 6 वर्ष की उम्र में 11वें पंचन लामा गेंदुन छोक्यी निमा संदेहास्पद तरीके से गायब हो गये थे।
समारोह की अध्यक्षता अन्र्तराष्ट्रीय भारत तिब्बत सहयोग समिति, मेरठ छावनी के अध्यक्ष श्री कुल भूषण बख्शी ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होने भारत की सुरक्षा, तिब्बत में पर्यावरण विनाश, तिब्बतियों का अपने ही देश में अल्पसंख्यक में हो जाना क्योंकि साठ लाख की जनसंख्या वाले देश में 75 लाख से अधिक चीनियों को बसाकर मत्वपूर्ण पदों व्यापार पर चीनियों का कब्जा, तिब्बत से निकलने वाली विभिन्न नदियों का बहाव, जिनमें ब्रहमपुत्र का विशेष स्थान है, चीन की और मोडना एवं मर्इ 2013 में 50 चीनी आक्रमणकारियों का भारत की सीमा में 19 किमी0 अन्दर घुसकर अपने तंबू गाड़ना एवं अपनी शर्तें मनवा कर वापस लौटना आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।
श्री प्रदीप कुमार द्वारा उठाये गये प्रश्न कि हम लोग किस प्रकार तिब्बत जागरूकता अभियान से जुड़ सकते हैं, के उत्तर में श्री बख्शी ने बताया कि वर्तमान युग इन्टरनेट एवं कम्पूयटर का युग है। इसलिए यदि सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक जिनके पास इन्टरनेट एवं कम्पूयटर की सुविधा है, वे अपना र्इ-मेल का पता समिति के कार्यालय को नोट करा देते है तो रोजाना तिब्बत से सम्बंधित सामग्री निरंतर उन्हें अग्रसारित की जा सकती है, जिसे वे अपने समस्त मित्रों एवं परिचितों को अग्रसारित कर सकते हैं, जिनके र्इ-मेल के पते उनके पास उपलब्ध हैं। इस प्रक्रिया द्वारा न्यूनतम खर्च करके तिब्बत की वर्तमान स्थिति एवं अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर किये जा रहे प्रयासो की जानकारी अन्य को उपलब्ध करवा कर तिब्बत जागरूकता अभियान में सक्रिया सहयोग दिया जा सकता है। समिति का सदस्य बनकर भी सक्रिया सहयोग मिल सकेगा।
अन्त में समारोह का धन्यवाद ज्ञापन प्रदीप कुमार, प्रवक्ता शिक्षा विभाग ने किया। इस अवसर पर पं0 दीन दयाल उपाध्याय मैनेजमेंट कालेज के शिक्षक, विधार्थी एवं अन्य गणमान्य नागरिकों सहित डा0 निर्देश वशिष्ठ, डा0 चारू शर्मा, डा0 गौरव अग्रवाल, एस0 एस0 ब्रोका, ऋषिराज भारद्वाज, अरूण कुमार, अमित सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।