tibet.net news
30 अप्रैल, 2013 : केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने 17 मर्इ को तिब्बत एकजुटता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। यह दिन उस तिब्बती जनता की आकांक्षा के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता का प्रतीक है, जो स्वाधीनता के लिए तड़प रही है और भारी कठिनार्इ की परिस्थिति में भी मजबूती से डटी हुर्इ है। इस दिन को इस तरह मनाने का निर्णय कशाग और संसद की स्थायी समिति, दोनों के द्वारा संयुक्त रूप से लिया गया है।
वर्ष 1995 में इसी दिन सिर्फ 6 वर्ष की उम्र में 11वें पंचेन लामा गेंदुन छोक्यी निमा संदेहास्पद तरीके से गायब हो गए थे। सांसदों, दुनिया के विभिन्न नेताओं द्वारा उनसे मिलने के बार-बार किए जाने वाले अनुरोध का कोर्इ जवाब नहीं मिला है और यह भी पता नहीं चल पाया है कि वे अब कहां हैं। उनकी नियति उन तमाम बहादुर तिब्बतियों के हाल को भी बयान करती है जो जेलों में बंद हैं और अपने बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित हैं।
तिब्बत में फरवरी, 2009 के बाद से अब तक आत्मदाह करने वालों की संख्या 117 तक पहुंच गर्इ है और चीनी कब्जे से बर्बाद हो जाने वाले दस लाख से ज्यादा तिब्बती, तिब्बत के भीतर रहने वाले तिब्बती, दुनिया को यह साफ संदेश दे रहे हैं कि वे तिब्बत में चीन जनवादी गणतंत्र की नीतियों को खारिज करते हैं। इन्हीं नीतियों की वजह से राजनीतिक दमन, सांस्कृतिक विलोपन, पर्यावरण विनाश और आर्थिक हाशियाकरण को बढ़ावा मिल रहा है। अब तिब्बती जनता को पहले से ज्यादा इस भरोसे और उम्मीद की जरूरत है कि बाकी दुनिया उनके अधिकारों को भूली नहीं है।
इसलिए केंद्रीय तिब्बती प्रशासन सभी तिब्बतियों और उनके मित्रों से यह आहवान करता है कि वे इस दिन को एकजुटता प्रदर्शित करने के साथ मनाएं जिसमें चुने हुए जनप्रतिनिधियों, स्थानीय सरकार को शामिल किया जाए या कोर्इ भी ऐसी गतिविधि करें जो उपयुक्त लगता हो। तिब्बत में आत्मदाह को देखते हुए, खासकर हाल मे नाबा के कीर्ति मठ में दो भिक्षुओं के आत्मदाह, सभी से यह अनुरोध है कि उस दिन प्रार्थनाओं को भी आयोजन करें।
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
धर्मशाला