02 नवंबर, 2022
गंगटोक। पूर्वोत्तर भारत में तिब्बती संसदीय यात्रा के दौरान सांसद धोंडुप ताशी ने 27 अक्तूबर से 01 नवंबर 2022 तक गंगटोक और गंगटोक तिब्बती सेटलमेंट कार्यालय के न्यायाधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले क्षेत्रों की अपनी आधिकारिक यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न की। अपनी यात्रा के दौरानसांसद धोंडुप ताशी ने वहां से राज्यसभा के सांसद श्री हिशे लाचुंगपा और सिक्किम विधानसभा के अध्यक्ष श्री अरुण कुमार उप्रेती से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने तिब्बती निवासियों, सरकारी अधिकारियों और तिब्बत समर्थकों से भी मुलाकात की।
28 अक्तूबर 2022 को गंगटोक पहुंचने परसांसद धोंडुप ताशी का गंगटोक तिब्बती सेटलमेंट अधिकारी लखपा छेरिंग के नेतृत्व में टीएसओ के स्टाफ सदस्यों, स्थानीय तिब्बती विधानसभा के अध्यक्ष जिनपा और सदस्यों, उत्संग के अध्यक्ष, डोटो और डोमी संघों के अध्यक्षों, क्षेत्रीय तिब्बती महिला एसोसिएशन की अध्यक्ष और तिब्बती युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ने अगवानी की।
अगले दो दिनों तक सांसदों ने उत्तरी सिक्किम में लाचेन और लाचुंग के साथ ही तिब्बत की सीमा से लगे पूर्वी सिक्किम के पहाड़ी दर्रे नाथू-ला का दौरा किया और वहां रह रहे तिब्बतियों से मुलाकात की।
30 अक्तूबर को सांसद ने राज्यसभा के सदस्य श्री हिशे लाचुंगपा से शिष्टाचार मुलाकात की और सिक्किम में रहने वाले तिब्बतियों को राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने सांसद को आठवें विश्व सांसद सम्मेलन में तिब्बत को लेकर अपनाई गई वाशिंगटन घोषणा से अवगत कराया और परम पावन दलाई लामा को भारत रत्न प्रदान करने की मांग में उनके योगदान का आग्रह किया। श्री लाचुंगपा ने बताया कि परम पावन दलाई लामा को तिब्बती लोगों के साथ ही सिक्किम के लोग भी समान रूप से सर्वोच्च श्रद्धा के साथ पूजते हैं। सांसद लाचुंगपा ने बताया कि वह खुद परम पावन दलाई लामा को भारत रत्न दिलाने के लिए विशेष रूप से कड़ी मेहनत कर रहे हैं और तब तक करते रहेंगे जब तक कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया जाता है। सांसद ने आगे उल्लेख किया कि उन्होंने गंगटोक में परम पावन दलाई लामा के जन्मदिन समारोह सहित कई तिब्बती समारोहों में भाग लिया है और तिब्बती समुदाय द्वारा ऐसे अवसरों में भाग लेने के महत्व पर बात की है ।
सांसद धोंडुप ताशी ने 31 अक्तूबर को गुरु कुबुम लखांग, रुमटेक मठ, सुरमंग मठ और सेरा जे मठ का सिलसिलेवार दौरा किया।इसके बाद भारत तिब्बत सहयोग मंच के अध्यक्ष डॉ. एल.पी. शर्मा से मुलाकात की। अपनी बैठक के दौरान उन्होंने भारतीयों और तिब्बतियों के बीच दोस्ती को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उस शाम बाद में सांसद ने गंगटोक के चोएक-सुम हॉल में एक सार्वजनिक वार्ता की, जहाँ उन्होंने तिब्बत के मुद्दे की स्थिति, 17वें टीपीआईई के चौथे सत्र के एजेंडे, सीटीए की नीति और परम पावन दलाई लामा की महान उपलब्धियों पर बात की। उन्होंने भाषा, संस्कृति और विरासत को संरक्षित करके विशिष्ट तिब्बती पहचान की रक्षा के महत्व को दोहराया। गंगटोक के छह तिब्बती संगठनों/संघों, उत्संग संघ, डोटो संघ, डोमी संघ, क्षेत्रीय तिब्बती महिला संघ, क्षेत्रीय तिब्बती युवा कांग्रेस और क्षेत्रीय तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन ने सांसद के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया।
01 नवंबर को सांसद ने शाक्य एनगोर मठ का दौरा किया और सिक्किम विधानसभा के अध्यक्ष श्री अरुण कुमार उप्रेती से शिष्टाचार मुलाकात की। सांसद ने उसी दिन उपायुक्त रागुल के. आईएएस के साथ भी बैठक की। सांसद ने नामग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी, मेन-त्सी-खांग शाखा, गंगटोक तिब्बती सेंटलमेंट कार्यालय, स्वास्थ्य देखभाल केंद्रऔर अन्य केंद्रों के दौरे के साथ गंगटोक की अपनी आधिकारिक यात्रा का समापन किया।
सांसद दक्षिण सिक्किम में रावंगला तिब्बती बस्ती के दौरे से अपनी आधिकारिक सिक्किम यात्रा जारी रखेंगे।