दैनिक जागरण, 5 दिसम्बर 2012
कार्यालय संवाददाता, धर्मशाला : निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांग्ये ने कहा है कि तिब्बत की स्वायत्तता के लिए प्रयास जारी रहेंगे। वर्ष 2012 की तरह अगले साल भी इस मुद्दे के हल के लिए अभियान छेड़ा जाएगा। साग्ये वीरवार को धर्मशाला में तिब्बत अभियान 2013 को लांच करने के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि तिब्बती मुद्दे पर विश्व समुदाय से सहयोग मिल रहा है। फ्रांस, इटली, यूनाइटेड स्टेटस, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपियन यूनियन इंडिया, जापान व जर्मनी आदि तिब्बती प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने यूनाइटेड नेशंस के मानवाधिकार के उच्चायुक्त नवी पिल्ले एवं यूएस के चीन में राजदूत गेरी लोक के बयानों की सराहना की है, जिसमें तिब्बत की वर्तमान स्थिति को उठाया गया है। उन्होंने कहा कि तिब्बत के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। तिब्बत में आत्मदाह के मामलों की संख्या 92 पहुंच गई है लेकिन चीन सरकार की दबाव की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।
केंद्रीय तिब्बत प्रशासन इस संबंध में विश्व समुदाय, राजनीतिज्ञों, विचारकों, मीडिया और लोगों तक इसे पहुंचा रहा है, जो कि न्याय में विश्वास रखते हैं। सांग्ये ने कहा कि चीन सरकार इस मुद्दे पर बातचीत के माध्यम से मध्य मार्ग का रास्ता अपनाए ताकि आत्मदाह को रोका जा सके। तिब्बती समुदाय अपने देश में लौटने को उत्सुक है। परमपावन दलाईलामा की तिब्बत में वापसी की सभी कामना करते हैं इसलिए सभी देश तिब्बत के अभियान का समर्थन करें और इसे सफल बनाने में सहयोग करें।