तिब्बत.नेट
धर्मशाला। कोरोना वायरस पर सीटीए द्वारा गठित टास्क फोर्स कमेटी की एक बार फिर बैठक हुई। इसमें कार्यबल की कार्ययोजना और उसके नियमित प्रयासों की समीक्षा की गई। सिक्योंग डॉ. लोबसांग सांगेय की अध्यक्षता और हेल्थ कलोन चोइकॉन्ग वांगचुक की अगुवाई में हुई इस बैठक में विभागों के सचिव, धर्मशाला सेटलमेंट ऑफिसर और टास्क फोर्स कमेटी के सदस्य शामिल हुए।
सीटीए टास्क फोर्स ने महामारी से लड़ने के लिए अथक परिश्रम करने के अलावा कोरोना वायरस से प्रभावित संकटग्रस्त तिब्बतियों के लिए राहत और सहायता प्रदान करने के बारे में चर्चा करने के लिए अब तक कई बैठकें की हैं।
गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री दावा सुल्ट्रिम ने जनता की शिकायतों के निवारण के संबंध में विभाग द्वारा की जा रही प्रगति को अधिसूचित किया। उन्होंने कहा कि विभाग को पिछले कुछ दिनों में 400 से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं, जिनका समय पर निवारण किया गया है।
सेटलमेंट ऑफिसर कुंगा त्सेरिंग ने लद्दाख में फंसे हुए 23 छात्रों की देखभाल करने के लिए अपने कार्यालय द्वारा किए जा रहे सर्वोत्कृष्ट प्रयासों के बारे में बताया। इन छात्रों के साथ तीन बुजुर्ग भी फंसे हुए हैं। इन्हें वर्तमान में लोअर तिब्बतन चिल्ड्रेन विलेज (टीसीवी) स्कूल में एक निश्चित अवधि के लिए रखा गया है उन्होंने बताया कि उनका कार्यालय लद्दाख के सेटलमेंट कार्यालय और नोडल कार्यालय के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम कर रहा है और फंसे हुए तिब्बतियों के साथ-साथ लद्दाखियों के लिए अंतरराज्यीय यात्रा परमिट भी प्राप्त कर रहा है।
शिक्षा विभाग ने संकट के दौरान तिब्बती छात्रों को विशेष रूप से निराश्रित लोगों के लिए विभाग द्वारा किए गए वित्तीय सहयोग की जानकारी दी। संयुक्त सचिव (डीओई) श्रीमती सोनम संगमो ने बताया कि विभाग 203 कॉलेज छात्रों को 5000 रुपये और स्कूली छात्रों को 2000 रुपये का भत्ता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विभाग आवश्यकता पड़ने पर इन छात्रों को मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता देने के लिए उनसे निकट संपर्क बनाए हुए है।
हाल ही में बड़ौदा में पढ़ने वाले कुल 83 तिब्बती छात्रों को शहर में फंस गए थे, क्योंकि उन्हें कॉलेज प्राधिकरण द्वारा छात्रावास खाली करने के लिए कहा गया था। डीओई ने दिल्ली के तिब्बती सेटलमेंट अधिकारी समयेलिंग के साथ समन्वय कर 29 छात्रों को सुरक्षित रूप से देहरादून पहुंचाया, जहां वे गोहरी माफी में तिब्बती होम फाउंडेशन में रखे गए हैं।
अंत में, मुख्य रिसिलियंस अधिकारी सह एसएआरडी के निदेशक श्री केडोर औकातत्संग ने पीआरएम से प्राप्त धन के बारे में ताजा जानकारी दी और विभागों को कार्य संचालन गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने और संकटग्रस्त तिब्बतियों की सहायता के लिए धन के आवंटन के तौर तरीकों के बारे में बताया।