परम पवन दलाई लामा और रिचर्ड गेर।
theprint.in
ल्हासा (तिब्बत), ११ अगस्त (एएनआई)। सार्वभौमिक जिम्मेदारी का १४वें दलाई लामा का विचार एक वैश्विक जिम्मेदारी है जिसे हर इंसान को आत्मसात कर लेना चाहिए। यह आज की दुनिया में तिब्बती संस्कृति का सबसे बड़ा योगदान है। यह बातेंहॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे ने कही। वह इस महीने की शुरुआत में भारत में निर्वासित तिब्बती सरकार के मुख्यालय धर्मशाला में दलाई लामा के ८७वें जन्मदिन समारोह में विशेष अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
तिब्बत राइट्स कलेक्टिव रिपोर्ट के अनुसारगेरे ने कहा, ‘बोधिसत्व के इस आदर्श और सार्वभौमिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देकर तिब्बतियों ने जो हासिल किया है, वह दुनिया के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे ब्रह्मांड के लिए महत्वपूर्ण है।‘
उनका मानना है कि वैश्विक जवाबदेही का विचार यह है आज दुनिया में तिब्बती संस्कृति का सबसे बड़ा योगदान है और मानवता तिब्बती संस्कृति से प्राप्त ऐसे मूल्यों से लाभान्वित हो सकती है।
गेरे के अनुसार, परम पावन और तिब्बती संस्कृति से दुनिया सबसे महत्वपूर्ण मूल्य और सबक सीख सकती है। यह काम तिब्बती बौद्ध धर्म और संस्कृति को आप्लावित करने वाली परस्पर की एकता और जिम्मेदारी की गहरी भावना को समझकर किया जा सकता है। तिब्बत, तिब्बत के नेता और तिब्बती मुद्दों के लिए दलाई लामा के अभियान के पीछे यह प्रमुख शक्ति और ओज रहा है।गेरे तिब्बत के लिए काम करके इस ताकत को बचाने की संभावना और सार्वभौमिक भाईचारे की संभावना देखते हैं। गेरे के अनुसार, ‘तिब्बत को बचाने के लिए काम करते हुए आप इस संभावना को भी बचाते हैं कि हम सभी भाई-बहन हैं।‘
चीनी सरकार ने लगातार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को या देश में लोकतंत्र का समर्थन करने और इसके लिए आवाज उठाने वाले हरेक व्यक्ति को निशाना बनाया है।
लेकिन हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे धमकियों और प्रतिबंधों को नजरअंदाज करके हमेशा अत्याचार के खिलाफ खड़े रहे हैं और तिब्बती स्वतंत्रता के कारण और बौद्ध साधना के मूल्यों के बारे में अधिक जागरूकता फैला रहे हैं।
गेरे ने कहा कि उनकी भूमिकाओं में तिब्बत पर चीन के कब्जे के खिलाफ उनकी आलोचना में आंशिक कमी है। उनकी राय में, हॉलीवुड चीन को नाराज करने से डरता है क्योंकि चीन इस समय दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बॉक्स ऑफिस बाजार है।
तिब्बत के लिए गेरे की सक्रियता में सबसे निर्णायक क्षण १९९३ का अकादमी पुरस्कार समारोह आया, जब उन्होंने इस मंच का उपयोग तिब्बत में चल रहे मानवाधिकारों के हनन के बारे में बात करने के लिए किया।:
उन्होंने तब अपने मूल संबोधन से हटकर कहा,‘इस बात की जानकारी होने के बाद मुझे आश्चर्य हुआ है कि कि चीन (और तिब्बत) में मानवाधिकारों की कितनी वीभत्स और भयावह स्थिति है।क्या हम अभी बीजिंग में देंग शियाओपिंग को प्यार और सच्चाई और विवेक जगाने का पैगाम भेज सकते हैं।अगर संभव हो तो वे अपने सैनिकों को तिब्बत से वापस ले जाएं और इन लोगों को फिर से स्वतंत्र और आजाद लोगों की तरह रहने दें।‘
आश्चर्य की बात नहीं कि चीन इसे हल्के में लेने के लिए तैयार नहीं था। चीन ने अभिनेता को ताउम्र चीन आने और भविष्य वहां ऑस्कर प्रसारण को प्रतिबंधित कर दिया।
२००८के बीजिंग ओलंपिक से पहलेरिचर्ड गेरे ने तिब्बती लोगों का चीन द्वारा उत्पीड़न के बारे में ‘सत्य उजागर करने’ का आह्वान किया। उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति के संबंध में और अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता है। तब तक आप ओलंपिक में भाग नहीं ले सकते हैं और चीन में नकारात्मक क्या हो रहा है, इसके बारे में बात नहीं कर सकते हैं।‘
गेरे ने १९७०के दशक के अंत में तब बौद्ध धर्म ग्रहण किया, जब उन्होंने नेपाल और भारत की यात्रा की और वहां उन्होंने कई तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं से मुलाकात की। तिब्बत राइट्स कलेक्टिव रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में दलाई लामा से मिलने के बादवह तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग्पा स्कूल के तिब्बती बौद्ध और परम पावन के सक्रिय अनुयायी और समर्थक बन गए।
गेरे तिब्बत हाउस यूएस के सह-संस्थापक और अध्यक्ष भी हैं, जिसकी स्थापना १९८७ में तिब्बती कला, संस्कृति और दर्शन को संरक्षित करने के लिए हुई थी। वह १९९२ में इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत के निदेशक मंडल में शामिल हुए। वह १९९५से इसके बोर्ड अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं।
रिचर्ड गेरे द्वारा स्थापित गेरे फाउंडेशन तिब्बत और तिब्बती लोगों के सांस्कृतिक संरक्षण के लिए समर्पित समूहों को अनुदान देता है। यह दुनिया भर में फैले ऐसे संगठनों को भी अनुदान देता है,जो एचआईवी/ एड्स की देखभाल, इस पर अनुसंधान और इसका उपचार प्रदान करने के लिए समर्पित हैं और उन संगठनों को भी जो दुनिया भर में मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ काम करते हैं। गेरे फाउंडेशन उन संगठनों को भी अनुदान प्रदान करता है जो तिब्बत के लिए काम करते हैं, जिनमें इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत, स्टूडेंट्स फॉर फ्री तिब्बत और तिब्बतन चिल्ड्रेन विलेजेज शामिल हैं।
गोल्डन ग्लोब विजेता को हॉलीवुड उद्योग से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है और तिब्बत पर अपने मुखर रुख के कारण अति-राष्ट्रवादी चीनी साइबर सेना के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, अभिनेता ने सार्वभौमिक जिम्मेदारी की अपनी मजबूत भावना पर किसी भी चीज और किसी को भी हावी होने देने से इनकार कर दिया है और वह दुनिया के तीसरे ध्रुव और इसके निवासियों और इसके निर्वासित नेता को उनकी मातृभूमि में फिर से बसाने की लालसा लिए खड़ा है। (एएनआई)
यह रिपोर्ट एएनआई समाचार सेवा से जारी की गई है। इसकी सामग्री के लिए दप्रिंट की कोई जिम्मेदारी नहीं है।