हार्वर्ड से पढ़ाई करने वाले लोबसांग सांगाय को बुधवार को तिब्बत की निर्वासित सरकार का नया प्रधानमंत्री चुना गया। वह आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा की छोड़ी हुई राजनीतिक जिम्मेदारियां निभाएंगे।
चुनाव आयुक्त जामपाल चोसांग ने यहां घोषणा की कि 43 वर्षीय सांगाय ने कुल पड़े 49,189 मतों में से 55 प्रतिशत मत हासिल करते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तेथांग तेनजिन नामज्ञाल को 8,646 वोट से हराया।
सांगाय हार्वर्ड लॉ स्कूल में रिसर्च फैलो हैं। वहीं स्टेंडफोर्ड से पढ़ने वाले तेथांग तेनजिन को 18,405 वोट मिले। इस चुनाव में दलाई लामा के ब्रूसल्स, न्यूयार्क और नयी दिल्ली में प्रतिनिधि ताशी वांगदी तीसरे स्थान पर रहे। चुनाव 20 मार्च को हुआ था।
भारत, अमेरिका, यूरोपीय देशों, भूटान, नेपाल, रूस और जापान समेत अन्य देशों के करीब 83 हजार निर्वासित तिब्बतियों में से 61 प्रतिशत ने मतदान में भाग लिया।
चुनाव आयुक्त ने तिब्बत की 15वीं निर्वासित संसद के चुनाव परिणाम की भी घोषणा की।
75 वर्षीय दलाई लामा ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रमुख की राजनीतिक जिम्मेदारियां छोड़ेंगे लेकिन आध्यात्मिक नेता बने रहेंगे व तिब्बत की सार्थक स्वायत्तता की वकालत करते रहेंगे। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई ने कहा था कि वह अपनी औपचारिक जिम्मेदारी स्वतंत्र तौर पर चुने गये किसी नेता को सौंपेगे।