दिव्य हिमाचल, 14 जुलाई, 2016
रिवालसर— गुरु पद्म संभव रिंपोच्छे की तपोस्थली में 12 वर्षों के बाद शरू हुए बौद्ध महाकुंभ के लिए पधारे धर्मगुरु दलाईलामा ने विश्व से शांति की अपील की है। उन्होेंने कहा कि विश्व को इस समय शांति की जरूरत है और यह जरूरी हो गया है कि बौद्ध धर्म के अनुयायी विश्व भर में जाकर शांति का पैगाम फैलाएं। उल्लेखनीय है कि बौद्ध धर्म के अनुसार 12 वर्षों बाद आने वाला बौद्ध महाकुंभ इस बार रिवासलसर में आया है। इस महाकुंभ के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम हेतु बुधवार को धर्मगुरु दलाईलामा रिवासलर पहुंचे । वह अगले दो दिन यहीं रहेंगे। उन्होंने बुधवार को रिवालसर पहुंचने के बाद सबसे पहले गुरु पद्म संभव रिंपोच्छे मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद दलाईलामा करीब 12:30 पर रिवालसर शहर की पवित्र झील के तट पर पहुंचे। यहां पर देश-विदेश से आए हजारों बौद्ध अनुयायियों ने दलाईलामा के प्रवचन सुने। इस अवसर पर उन्होंने कहा सैद्धांतिक रूप से बौद्ध धर्म का स्थान बहुत ही बड़ा है, लेकिन सब धर्म एक दूसरे पर आश्रित हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने अंदर के पांच दोषों का त्याग करना चाहिए। इनसान को राग, द्वेष, मोह, घृणा और अहंकार का त्याग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव को मानव की सेवा करने की आवश्यकता है। इनसान को अपने जीवन में पंचशील के सिंद्धात को अपनाना चाहिए। तभी समाज बेहतर बनेगा। इस अवसर पर लाहुल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर और निडःमापा कमेटी के अध्यक्ष रोशन लाल नेगी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
तीन हजार से ज्यादा अनुयायी
बौद्ध महाकुंभ व दलाईलामा के प्रवचन सुनने के लिए रिवालसर नगरी में तीन हजार से अधिक बौद्ध अनुयायी पहुंच चुके हैं। ज्यादा भीड़ होने के कारण लोगों को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। पार्किंग के साथ ही लोगों को ठहरने की भी दिक्कतें आ रही हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता
दलाईलामा के तीन दिवसीय दौरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है। धर्मगुरु दलाईलामा के अपने सुरक्षा कर्मियों के अलावा जिला पुलिस द्वारा भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।