बोधगया, बिहार, भारत।२२दिसंबर को बोधगया पहुंचने के बाद परम पावन दलाई लामा आज २३दिसंबर, २०२२की सुबह ज्ञानपीठ पर अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने के लिए महाबोधि मंदिर गए। उनकी गाड़ी तिब्बती मठ, गादेन फेल्ग्येलिंग से गोल्फ कार्ट के मुख्य प्रवेश द्वार की ओर से निकली, जहां से वे आसानी से उन भक्तों को देख सकते थे जो सड़क पर पंक्तिबद्ध थे और वे उन्हें देख सकते थे। बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) के सचिव नांगजे दोरजी ने उनका स्वागत किया।
सावधानी से सीढ़ियाँ उतरते हुए परम पावन बीच-बीच में मंदिर के शीर्ष स्तूप पर दृष्टि डालते रहे और शांत प्रार्थना भी करते रहे। कई बार उन्होंने उस बोधिवृक्ष की ओर देखा जिसके नीचे साधनारत बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। बीच-बीच में वह अपनी दाहिनी और बाईं ओर देखते, मुस्कराते रहे और उन लोगों की ओर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन करते रहे, जो खुद पर उनकी दृष्टि पड़ने की आशा में टकटकी लगाए हुए थे।
परम पावन ने बोधि वृक्ष के मूल में नमन किया, अपना सम्मान व्यक्त किया और मंदिर की परिक्रमा करने के लिए आगे बढ़े। इस दौरान उन्होंने पत्थर की रेलिंग से झांकते युवा और वृद्ध लोगों का हाथ हिलाकर और मुस्कुराकर अभिवादन स्वीकार किया। मंदिर की दूसरी ओर से परम पावन ने चैपल में प्रवेश किया, अपना सम्मान व्यक्त किया और बुद्ध की प्रसिद्ध मूर्ति के सामने बैठ गए। उनके साथ थेरवाद भिक्षु और नामग्याल मठ के भिक्षु भी थे।