tibet.net, ०८ जुलाई २०२१
नई दिल्ली। दुनिया भर में शांति, प्रेम और करुणा के दूत के रूप में पूजनीय परम पावन १४वें दलाई लामा मंगलवार ०६ जुलाई २०२१ को ८६ वर्ष के हो गए। उनके अनुयायी, मित्र और शुभचिंतकों द्वारा परम पावन १४वें दलाई लामा की ८६वीं जयंती का शुभ अवसर दुनिया भर में मनाया गया। वैश्विक कोविड-१९ महामारी के प्रभाव के बावजूद तिब्बतियों और अन्य लोगों के साथ, भारत में तिब्बत समर्थक समूहों ने भी परम पावन दलाई लामा के जीवन और संदेश का जश्न मनाते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करके इस शुभ अवसर को मनाया।
परम पावन दलाई लामा के ८६वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर भारत-तिब्बत समन्वय संघ ने ‘परम पावन १४वें दलाई लामा: प्रेम, शांति और करुणा की दिव्य आत्मा’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार के दौरान केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान, सारनाथ (वाराणसी) के कुलपति प्रो. गेशे न्गवांग समतेन अतिथि वक्ता थे। इस दौरान आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख श्री पदम सिंह जी, जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय, बिहार के पूर्व कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह, उत्तराखंड से प्रख्यात शिक्षाविद् और प्रेरक डॉ. (श्रीमती) रश्मि त्यागी रावत और भारत तिब्बत समन्वय कार्यालय, दिल्ली के उप समन्वयक श्री तेनज़िन जॉर्डन उपस्थित रहे।
भारत तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) ने आरएसएस के वरिष्ठ नेता और बीटीएसएम के संरक्षक श्री इंद्रेश कुमार के मार्गदर्शन में ०६ जुलाई २०२१ को परम पावन दलाई लामा के ८६वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में एक फेसबुक लाइव वेबिनार का आयोजन किया। वर्ल्ड एलायंस ऑफ बौद्ध, थाईलैंड के अध्यक्ष वें. डॉ. पोर्नचाई पलावधम्मो, ग्लोबल लीडर ऑफ पीस (अमेरिका) की प्रख्यात वैज्ञानिक और नेता डॉ मधु कृष्ण, और मुख्य अतिथि भूटान के आचार्य किनले ग्यालत्सेन खेंपो थे जबकि. केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की पूर्व गृह मंत्री श्रीमती ग्यारी डोलमा, बीटीएसएम के कार्यकारी अध्यक्ष श्री हरजीत सिंह ग्रेवाल, बीटीएसएम के राष्ट्रीय महासचिव- (कार्यक्रम प्रमुख भी) श्री पंकज गोयल और बीटीएसएम के राष्ट्रीय सचिव (कार्यक्रम संयोजक भी) श्री विजय शर्मा, वेबिनार के विशिष्ट अतिथि थे।
बिहार, मेरठ, असम, दिल्ली और अरुणाचल प्रदेश में भारत तिब्बत सहयोग मंच के क्षेत्रीय अध्यायों ने भी परम पावन १४वें दलाई लामा का जन्मदिन मनाया।
भारत- तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफएस) ने अपने क्षेत्रीय चैप्टर के माध्यम से इस अवसर को भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया। इसने हजारीबाग (झारखंड), अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, पालनपुर और दाहोद (गुजरात), जोधपुर (राजस्थान), भंडारा (महाराष्ट्र), मुजफ्फरपुर और भागलपुर (बिहार) और मैसूर (कर्नाटक) में कार्यक्रम आयोजित किए।
असम में एक तिब्बत समर्थक समूह ‘फ्री तिब्बत: वॉयस फ्रॉम असम’ ने एक फेसबुक लाइव सत्र का आयोजन किया, जो ‘मानवता के लिए निरंतर आशा की किरण यानी तिब्बत के महान १४वें दलाई लामा’ को समर्पित था। असमिया लेखक श्री बिपुल देउरी, तिब्बत कार्यकर्ता श्रीमती नोवानिता शर्मा और कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया के क्षेत्रीय संयोजक श्री सौम्यदीप दत्ता सत्र के दौरान वक्ता थे।
पश्चिम बंगाल में परम पावन दलाई लामा का जन्मदिन कोलकाता में कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया की क्षेत्रीय संयोजक और अधिवक्ता (श्रीमती) रूबी मुखर्जी के नेतृत्व में सालुगुरा में मनाया गया। इस अवसर पर हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिब्बत (हिमकैट) के राष्ट्रीय सचिव श्री सोनम ल्हुंदुप लामा द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
समता सैनिक दल (एसएसडी) ने अपने राष्ट्रीय मुख्य आयोजक, मार्शल सुनील सारिपुत्त के नेतृत्व में महाराष्ट्र के नागपुर में एसएसडी केंद्रीय कार्यालय में परम पावन दलाई लामा का ८६वां जन्मदिन मनाया।
अंतरराष्ट्रीय भारत-तिब्बत सहयोग समिति (एबीटीएसएस) ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में परम पावन का जन्मदिन मनाया।
भारत-तिब्बत संवाद मंच (बीटीएसएम) ने परम पावन १४वें दलाई लामा के ८६वें जन्मदिन को भारत के विभिन्न हिस्सों में ‘विश्व शांति और संकल्प दिवस’ के रूप में मनाया। इसने कुशीनगर (उत्तर प्रदेश), जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, असम, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में कार्यक्रमों का आयोजन किया। बीटीएसएम ने इस अवसर पर तंजानिया में अपने अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पिट्टाला सत्यनारायण के नेतृत्व में समारोह आयोजित किया।
भारत में तिब्बत समर्थक समूहों ने परम पावन १४वें दलाई लामा की ८६वीं जयंती मनाते हुए परम पावन को शुभकामनाएं दीं और उनके लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना की कि वह हम सभी को प्रेम, शांति, करुणा और अहिंसा के मार्ग पर अग्रसर करें। तिब्बत मुक्ति साधना की ज्योति प्रज्ज्वलित करके उन्होंने तिब्बत के लिए स्वतंत्रता और न्याय के लिए प्रार्थना की और परम पावन १४वें दलाई लामा और तिब्बतियों की जल्द से जल्द तिब्बत वापसी की प्रार्थना की।