दैनिक जागरण, 11 दिसम्बर 2012
हजारीबाग : भारत-तिब्बत मैत्री संघ द्वारा सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष सुदेश कुमार चन्द्रवंशी ने की। समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर काफी संख्या में लोग जुटे थे। धरना के उपरांत संघ ने प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को एक आठ सूत्री ज्ञापन सौंपा।
धरना में वक्ताओं ने कहा कि तिब्बत पर चीन द्वारा किए जा रहे शोषण व मानवाधिकार के हनन को लेकर दो वर्षो में 94 तिब्बतिया्रें ने इससे आहत हो आत्मदाह कर लिया। वहीं धरना को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता पूर्व सांसद महावीर लाल विश्वकर्मा ने कहा की तिब्बत की आजादी के लिए भारत पहल करे व चीनी सामानों का भारतीय बाजार से बहिष्कार कर चीनी वर्चस्व को तोड़ना होगा। कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1950 में ही तिब्बत को आजाद करने की बात कही थी। पर अब तक ऐसा नहीं हुआ है।
धरना में मुख्य रूप से विजय कुमार वर्मा, दिलीप चन्द्रवंशी, स्वरूप चंद जैन, डा. अरविन्द, रामप्रवेश, शैलेश कुमार, सीता राम मेहता, शंकर लाल गुप्ता, जावेद आलम, प्रो. सुंदर सिंह, प्रो. आरपी सिंह, अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद, स्वेटर मार्केट के करमा गीली, करमा, फुटोस्क, लोबसाना, लोबसान जी टेगंरंग, जमानली, टी सेंडुप, टी नियमा, वाइतु, तेंजीन यागुल, जौंपा, डेंचन, के बोलमा, तंजीन, पेलडोन, चिमेरी जीइन, कोल्डु, टी यांजेम आदि शामिल थे।