tibet.net / ११ अप्रैल, २०२३
नई दिल्ली। बिहार में भारत-तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफएस) ने स्वर्गीय रामचंद्र खान स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया। इस व्याख्यान का विषय था- ‘तिब्बत मुक्ति साधना में भारतीयों की भूमिका’। स्वर्गीय रामचंद्र खान सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और आईटीएफएस बिहार के पूर्व अध्यक्ष थे, जिन्होंने तिब्बत मुक्ति साधना में बड़े पैमाने पर योगदान दिया था।
स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम की अध्यक्षता आईटीएफएस बिहार के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार व उपाध्यक्ष डॉ. विकास नारायण उपाध्याय ने की। सभा में मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री व बिहार विधान परिषद सदस्य डॉ. संजय पासवान थे। सभा में डॉ. नवल किशोर चौधरी (पटना में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री), श्रीमती अनुराधा शंकर (बिहार पुलिस सेवा अधिकारी और दिवंगत रामचंद्र खान की बड़ी बेटी), ताशी डेकी (नई दिल्ली में आईटीसीओ की समन्वयक) ने भी शिरकत की।
श्री सुरेन्द्र कुमार ने तिब्बत मुक्ति साधना में स्वर्गीय रामचन्द्र खान के योगदान को याद किया। डॉ. संजय पासवान ने तिब्बत पर चीन के कब्जे और तिब्बत में लागू की जा रही दमनकारी नीतियों की कड़ी निंदा करते हुए परम पावन दलाई लामा के विश्व शांति के संदेश को याद किया।
डॉ. नवल किशोर चौधरी ने चीन द्वारा तिब्बत में बड़े पैमाने पर किए जा रहे पर्यावरण विनाश पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने भारत में चीनी सामानों पर प्रतिबंध लगाने और बहिष्कार करने का भी आह्वान किया। नई दिल्ली स्थित आईटीसीओ की समन्वयक ताशी डेकी ने तिब्बत की स्वतंत्रता में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए तिब्बत मुक्ति साधना में समर्थन के लिए सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तावित कुछ प्रमुख मांगों की घोषणा की गईं। इनमें परम पावन दलाई लामा को भारत रत्न प्रदान करने की अपील और भारत-तिब्बत सीमाओं पर चीन के बढ़ते खतरों के खिलाफ मजबूत जवाबी कार्रवाई की मांग की गई थी। स्मारक व्याख्यान में बिहार-आईटीएफएस के सदस्यों ने भाग लिया। इनमें बिहार सर्वोदय बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री प्रमोद शर्मा, चंद्र भूषण, प्रो. रजनीश कुमार, कृष्ण बल्लभ यादव, रघुनंदन शर्मा, राकेश कुमार, सत्येंद्र कुमार, चंद्रशेखर कुमार, सुनीता कुमारी, डॉ. बृजेश कुमार, अरुण कुमार, डॉ. अवध बाबू, तिलेश्वर कुमार, अनिल कुमार सिंह, शाहिद कमल, डॉ मनोज कुमार, राम अवतार प्रसाद, शिवांश विश्वकर्मा और डॉ हरेंद्र कुमार आदि शामिल रहे।