अमर उजाला, 2 दिसंबर, 2013
ग्रेटर नोएडा में तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा का कहना है कि मनुष्य के लिए पैसा इतना जरूरी नहीं है, जितनी खुशी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए जितनी फिजिकल फिटनेस जरूरी है, उससे कहीं ज्यादा मानसिक शांति आवश्यक है।
वे रविवार को जेपी स्पोर्ट्स कॉप्लेक्स में बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नालॉजी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हैप्पीनेस एंड सक्सेस पर विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम में उद्यमियों, प्रोफसरों, चिकित्सकों, बुद्धिजीवियों और इंस्टीट्यूट के छात्रों के अलावा भूटान से आए 100 विद्यार्थी भी शामिल हुए।
दलाई लामा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने वहां मौजूद लोगों के सवालों के जवाब भी दिए। इस दौरान उन्होंने लोगों को हंसाया भी। दलाई लामा ने कहा कि जो लोग बचपन में मां को खो देते हैं, उनमें से ज्यादातर खुद को मानसिक शांति से उपेक्षित समझते हैं। वैज्ञानिकों ने भी इस बात को माना है। मां को अपनी बातें बताने से शांति का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि जीवन में तनाव नहीं होना चाहिए। मनुष्य को हमेशा खुश रहना चाहिए।
मानसिक शांति से ही खुश रहा जा सकता है। मोरल और विजडम में से क्या महत्वपूर्ण है, इस सवाल पर दलाई लामा ने कहा, ‘विजडम’। इस दौरान बिमटेक के डायरेक्टर डॉ. हरवंश चतुर्वेदी ने कहा कि दलाई लामा अहिंसा के पक्षधर हैं। जयश्री मोहटा ने दलाई लामा को बिड़ला परिवार से उनके पुराने संबंधों के बारे में बताया, जब वे मसूरी में बिड़ला गेस्ट हाउस में ठहरे थे।
आदित्य बिड़ला सेंटर फॉर कम्युनिटी इंटिवेटिव्स एंड रूरल डेवलपमेंट की चेयरपर्सन राजश्री बिड़ला ने कहा कि 50 साल से अधिक समय से दलाई लामा अहिंसा का संदेश दे रहे हैं। राजश्री बिड़ला, जयश्री मोहटा और डॉ. हरवंश चतुर्वेदी ने उन्हें उड़ीसा की हस्त निर्मित एक कलाकृति भेंट की। दलाई लामा ने यहां एक पौधा भी लग