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टोक्यो। जापान और पूर्वी एशिया के तिब्बत कार्यालय के प्रतिनिधि डॉ. आर्य त्सेवांग ग्यालपो ने आज २८ जुलाई को जापानी संसद भवन में निचले सदन का दौरा किया और तिब्बत के लिए अखिल-जापान संसदीय समर्थक समूह (एजेपीएसजीटी) के महासचिव श्री इशिकावा अकीमासा से मुलाकात की।
पिछले रविवार को भारत से लौटे प्रतिनिधि आर्य ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मारकर की गई नृशंस हत्या पर दुख और निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि श्री शिंजो आबे चीन-तिब्बत संघर्ष को सुलझाने के लिए बहुत दयालु और सहायक रहे और उन्होंने इस मुद्दे पर अच्छा मार्गदर्शन किया था।
परम पावन दलाई लामा,केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के राष्ट्रपति पेन्पा छेरिंग,निर्वासित तिब्बती संसद के स्पीकर खेंपो सोनम तेनफेलऔर सूचना और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग (डीआईआईआर) के कालोन नॉरज़िन डोल्मा के शोक संदेश को पहले संपर्क कार्यालय के माध्यम से प्रेषित किया गया था। लेकिन प्रतिनिधि आर्य ने व्यक्तिगत रूप से संसदीय समर्थक समूह के कार्यालय का दौरा किया और इस त्रासदी के लिए शोक संतप्त परिवार और पार्टी को तिब्बत के अंदर और बाहर रह रहे तिब्बतियों की एकजुटता से अवगत कराया।
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने ११ जुलाई को दिवंगत आत्मा के लिए एक आधिकारिक शोक और प्रार्थना-सत्र आयोजित किया था। इसके अलावा, जापान में तिब्बती समुदाय ने १८ जुलाई को शिंजुकु-कु में कार्यालय परिसर में एक प्रार्थना सभा आयोजित की थी।
श्री इशिकावा अकीमासा ने इस महत्वपूर्ण समय में तिब्बती लोगों की भावना और एकजुटता की सराहना की। उन्होंने कहा कि श्री शिंजो आबे परम पावन दलाई लामा के बहुत बड़े प्रशंसक और तिब्बत मुद्दे के समर्थक थे। उनका निधन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जापानी सांसद शिंजो आबे की तर्ज पर तिब्बत मुद्दे का समर्थन करना जारी रखेंगे।
प्रतिनिधि आर्य ने श्री इशिकावा को २२और २३ जून को वाशिंगटन डीसी में आयोजित तिब्बत पर आठवें विश्व संसदीय सम्मेलन के दौरान पारित किए गए आचरण और प्रस्तावों से अवगत कराया।
तिब्बत के लिए जापानी संसदीय समर्थक समूह के अध्यक्ष श्री शिमोमुरा हकुबुन ने सम्मेलन के लिए एक लिखित और वीडियो संदेश भेजा था, जिसे सम्मेलन में आगत प्रतिभागियों ने खूब सराहा।
श्री इशिकावा को आर्य ने सम्मेलन की रिपोर्ट का जापानी अनुवाद, ब्रीफिंग पाठ्य-पुस्तक, और सम्मेलन का स्मृति-चिन्ह भेंट किया। तिब्बत कार्यालय के श्री त्सेल्हा प्रतिनिधि आर्य के साथ संसदीय समर्थक समूह के कार्यालय गए थे।