दैनिक जागरण, 11 दिसम्बर 2012
आसनसोल : तिब्बत और तिब्बतियों के मौलिक अधिकारों पर चीन द्वारा किए जा रहे आक्रमण के विरोध में आसनसोल में तिब्बती पोटाला मार्केट के तिब्बतियों ने सोमवार को वार्षिक उत्सव सादगी के साथ मनाया।
तिब्बती समुदाय के लोग अपने देश से हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी अपनी संस्कृति को नहीं भूले। कमेटी के कोषाध्यक्ष फुरबू ने बताया कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को नोबल पुरस्कार मिलने की खुशी में प्रत्येक वर्ष तिब्बती 10 दिसंबर को पर्व के रूप में मनाते हैं, लेकिन बीते दो साल इसे शोक स्वरूप उत्सव सादगी के साथ मनाया जा रहा है। सभी ने गोशाला में एकत्र होकर मोमबत्ती जलाकर दलाई लामा की पूजा अर्चना की, उसके बाद पाठ करने लगे। जबकि आम तौर पर प्रतिवर्ष वह लोग इस दिन पूजा के बाद खूब मौज मस्ती करते थे। उन्होंने कहा कि चीन तिब्बत पर कब्जा करना चाह रहा है। वह तिब्बतियों को गुलाम बनाना चाहता है।
इसके विरोध में अबतक 95 लोग आत्मदाह कर चुके हैं। चीन तिब्बतियों को लामा की पूजा करने से रोक रहा है। इसी के विरोध में वह लोग शोक प्रकट कर रहे हैं। इस मौके पर कमेटी के रेनचिक, गावा, लोबसंग, छेतेन सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।