नवभारत टाइम्स, 1 दिसम्बर 2011
कोलकाता।। चीन के ऐतराज को नजरअंदाज करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम. के. नारायणन ने दलाईलामा की मौजूदगी वाले प्रोग्राम में शिरकत की। दलाई लामा ने कहा कि मेरे प्रति चीन का विरोध नई बात नहीं है। मदर टेरेसा की याद में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी जाना था लेकिन अपनी मां की सेहत ठीक न होने के कारण वह वहां नहीं जा सकीं। हालांकि, उन्होंने तृणमूल कांगेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन को भेजा। इसी कार्यक्रम में दलाई लामा ने भी संबोधित किया।
ब्रायन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने दलाईलामा को न सिर्फ कोलकाता की जनता की ओर से बल्कि पूरे बंगाल की जनता की ओर से शुभकामनाएं भेजी हैं। चीनी वाणिज्य दूतावास ने असाधारण कदम उठाते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि वह यह सुनिश्चित कराएं कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री या राज्यपाल शामिल नहीं हों। चीनी वाणिज्य दूतावास के पत्र के बारे में पूछे जाने पर नारायणन ने कहा कि आप इस बारे में मुझसे क्या करने की अपेक्षा रखते हैं। अगर उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखा होगा तो लिखा होगा।
इससे पहले भारत ने चीन के उस ऐतराज को भी नजरअंदाज किया था, जिसमें उसने कहा था कि दिल्ली में हुए बौद्ध समागम में दलाईलामा को शिरकत न करने दिया जाए। इस कारण आखिरी वक्त में भारत-चीन के बीच होने वाली सीमा वार्ता टल गई थी। दलाईलामा ने बुधवार को कार्यक्रम में शिरकत की थी पर कोई राजनीतिक बयान नहीं दिया था। जब गुरुवार को कोलकाता में उनसे चीन के ऐतराज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह रूटीन की बात है। उनके हिसाब से यह ठीक भी है। कुछ चीनी अधिकारी मुझे राक्षस समझते हैं, जबकि मैं अब रिटायर भी हो चुका हूं।