दलाई लामा के विशोष दूतों और चीन के शीर्ष नेतृत्व के बीच पिछले साल जनवरी से चल रहे गतिरोध को खत्म कर बातचीत को दौर दोबारा शुरु होना चाहिए, अमेरिका सरकार इसके लिए प्रयासरत है । यह बात अमेरिकी राजदूत टिमोथी जॉन रोमर ने गुरुवार को मैक्लोडगंज स्थित दलाई लामा के अस्थायी निवास स्थान थेकचेन छोलिंग में दलाई लामा से मुलाकत करने के बाद मीडिया से कही।
जनवरी 2010 मं दलाई लामा के विशोष दूतों और चीन के बीच हुई नौंवें दौर की वार्ता के बाद इसमें गतिरोध आ गया था । दलाई लामा ने तिब्बत शरणार्थियों को अमेरिका सरकार की ओर से दिए जा रहे सहयोग के लिए आभार वय्क्त किया । टिमोथी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से तिब्बत में मानवाधिकार के मसलों चर्चा हुई है। टिमोथी अमेरिका के पहले ऐसे राजदूत है जो निर्वासित तिब्बतियों से मिलनें मैक्लोडगंज आए है। टिमोथी ने कहा कि तिब्बती रिसेप्शन सेंटर की कुल लागत की 65 फीसदी वित्तीय सहायता अमेरिकी सरकार ने उपलब्ध करवाई है।
टिमोथी ने निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री प्रो. सामदोंग रिंपोछे और अन्य मंत्रिमंडल सदस्यों के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की । इसमें अमेरिका के शारणार्थी तिब्बतियों के लिए चलाए गए पुनर्वास कार्य़क्रम की जानकारी भी दी। गुरुवार सुबह टिमोथी ने अपनी पत्नी शौली रोमर के साथ तिब्बतियन चिल्ड्रन विलेज स्कूल का भ्रमण कर स्कूल में शिक्षारत बच्चों के साथ फोटो खिंचवाए।
रोमर मेहमाननवाजी से गदगद।
कांगडा। भारत में अमेरिका के राजदूत टिमोथी जॉन रोमर गुरुवार सुबह धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकत के बाद दिल्ली लौट गए। टिमोथी ने कांगडा एयरपोर्ट पर कहा कि धर्मशाला यात्रा से वह बहुत ही खुश है। उन्होंने प्रदेश सरकार और निर्वासित तिब्बतियों की ओर से की गई मेहमाननवाजी की सराहना करते हुए कहा आई हैव इन्जॉयड दिस विजट एंड हिमाचल । एयरपोर्ट में प्रवेश करने से पहले टिमोथी ने वहां तैनात पुलिस कर्मियों और एयरपोर्ट कर्मियों से अलग-अलग मिलकर हाथ मिलाकर उनका धन्यवाद किया। पुलिसकर्मि भी अमेरिकी राजदूत के इस बडप्पन की सराहना करते रहे।