धर्मशाला। भारत में निर्वासित जीवन जी रहे तिब्बती नेता अगले महीने राष्ट्रीय आम सभा की बैठक बुलाएंगे, जिसमें संविधान में संशोधन पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद तीन दिन का संसद का विशेष सत्र होगा, जिसमें तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा द्वारा राजनीतिक पद छोड़ने के सम्बंध में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।
दलाई लामा ने पिछले दिनों राजनीतिक पद छोड़ने की इच्छा जताई थी और बार-बार के आग्रह के बावजूद वह अपने फैसले पर कायम रहे।
तिब्बती नेताओं की राष्ट्रीय आम सभा की बैठक तीन दिन के लिए 21 मई से शुरू होगी। इसमें 400-500 तिब्बती नेताओं ने हिस्सा लिया था। यह दूसरी बार है जब तिब्बत की निर्वासित सरकार ने राष्ट्रीय आम सभा की बैठक बुलाई है। इससे पहले नवंबर 2008 में इसकी बैठक हुई थी, जिसमें 600 तिब्बती प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। इसमें तिब्बत संघर्ष को लेकर आगामी रणनीति पर विचार किया गया था।
राष्ट्रीय आम सभा की बैठक के बाद 25-28 मई तक तिब्बत की निर्वासित संसद का विशेष सत्र होगा, जिसमें संविधान संशोधन के जरिये दलाई लामा की सेवानिवृत्ति का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
तिब्बत की निर्वासित संसद के स्पीकर पेनपा सेरिंग ने आईएएनएस से कहा, “नवम्बर 2008 के समान ही यह भी बड़ी बैठक होगी। करीब 420 से 450 लोग इस बैठक में हिस्सा लेंगे। इसमें चार्टर में संशोधन पर चर्चा की जाएगी। किसी और मुद्दे पर विचार नहीं किया जाएगा, क्योंकि हम केवल इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।”