प्रभात खबर, 7 जुलाई 2015
संवाददाता, मुजफफरपुर : भारत-तिब्बत मैत्री संघ ने सोमवार को दलाई लामा का 80वां जन्मदिवस एकेजे लाॅ काॅलेज में अमृत पर्व के रुप में मनाया। लोगों ने उनके दीर्घायु होने तथा उनके नेतृत्व में जारी तिब्बत मुक्ति साधना के सफल होने की कामना की। तिब्बत के सवाल पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता संघ के बिहार चैप्टर उपाध्यक्ष डा. हरेन्द्र कुमार उपाध्याय तिब्बत का सवाल हमारे लिए सामरिक दृष्टि के अलावा सांस्कृतिक व पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। बावजूद इसके हमारी सरकारें चीन के आगे नतमस्तक है। हर नई सरकार पहली की तुलना में कमजोर दिखती है।
डाॅ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि चीन के सिलसिले में जैसी गलती पंडितजी ने की थी, वही आज नरेन्द्र मोदी कर रही है। आज तिब्बत की पहचान विनाश के कगार पर है, लेकिन हम तिब्बत के सवाल से भाग रहे हैं। डा. कृष्णमोहन दुबे ने कहा कि तिब्बत चीनी विस्तरवाद का शिकार है। डा. श्याम कल्याण पासवान ने कहा कि तिब्बत को चीन कोई समस्या नहीं मानता। विमल किशोर उप्पल ने कहा कि भारत में जनमत को तिब्बत के सवाल पर जागृत करने की जरुरत है। प्रभात कुमार ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार पर जोर दिया। रामेश्वर साह, राजनारायण राय, कामता प्रसाद, डाॅ हेमनारायण विश्वकर्मा, प्रो. जयकांत सिंह, अविनाश रंजन, राम अनूप चैधरी, आलोक कुमार, मुकेश कुमार, राम सकल सिंह, रत्नेश्वर चैधरी, महेन्द्र मिश्रा, रामेश्वर साह, दिलीप कुमार, जयचंद झा, वशिष्ठ नारायण सिंह, विजय कुमार, शोभाकांत मिश्र, शंभू कुमार ने भी विचार रखे।
अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रो. राजनारायण राय ने की व संचालन उपाध्यक्ष विकास नारायण ने किया। सचिव अरविन्द वरुण ने स्वागत किया।