अम्बाला. भोपाल के डाक्टर महेश यादव ने हस्ताक्षर अभियान चला तिब्बत आजादी की मुहिम को और आगे बढ़ाया है। आजादी की मांग को लेकर वर्ल्ड तिब्बत कांग्रेस के सहयोग से आरंभ की गई।
उनकी यात्रा का वीरवार को अम्बाला में पड़ाव था। तिब्बत को गुलाम हुए 62 वर्ष बीतने पर 62 फुट लंबे बैनर पर हस्ताक्षर अभियान देशभर में चलाया जा रहा है। अम्बाला में भी भारत तिब्बत सहयोग मंच के सदस्यों ने हस्ताक्षर कर चीन के विरुद्ध दिलों में पनप रहे रोष को व्यक्त किया व संयुक्त राष्ट्र से तिब्बत आजादी की मांग को फिर से बुलंद किया। बता दें कि डा. महेश यादव बीते वर्ष भी आजादी की मुहिम के तहत विश्व भ्रमण कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने अपने खून से तिब्बत आजादी के खत लिखकर व पेंटिंग बनाकर इन्हें संयुक्त राष्ट्र को सौंपा था।
वीरवार सुबह फुटबाल चौक पर 62 फीट बैनर कपड़े पर डा. यादव की अध्यक्षता में भारत तिब्बत सहयोग मंच के अध्यक्ष सोनम, तेंजाइन थोमे, नमजेल, ओलो, कर्मा व अन्य सदस्यों ने हस्ताक्षर किए। ‘आई लव तिब्बत’, ‘फ्री तिब्बत’, ‘गो बैक चाइना’ आदि के स्लोगन भी इसपर लिखे गए थे। डा. यादव ने बताया कि उनकी यह यात्रा 10 दिसंबर से मध्य प्रदेश के सांची शहर से आरंभ हुई थी और विभिन्न राज्यों से होते हुए यह यात्रा नेपाल में 30 जनवरी को समाप्त होगी। यात्रा समाप्त होने के बाद जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र को हस्ताक्षर युक्त कपड़ा सौंपा जाएगा और तिब्बत आजादी की मांग की जाएगी।
चीन ने तिब्बत को गुलाम बनाकर लाखों लोगां की हत्या कर दी जबकि उनके धर्मगुरू दलाईह्वलामा व उनके अनुयायियों को देश छोड़ने पर विवश किया है। सहयोग मंच के अध्यक्ष सोनम ने कहा कि चीन ने शांतिप्रिय तिब्बत को रणक्षेत्र बनाकर ऐसा हथियार बना लिया है जो भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया और विश्व के लिए खतरनाक हो गया है। इस मौके पर मौजूद मंच के अन्य सदस्यों ने भी तिब्बत आजादी की मांग की।