धर्मशाला। उत्तर पूर्वी तिब्बत में स्थित कीर्ति बौद्ध मठ में हालात बिगड गए है। चीनी सुरक्षा बलों से घिरे करीब ढाई हजार बौद्ध भिक्षुओं की जान सांसत में है।
तिब्बतियों के धर्मगुरु एवं धार्मिक नेता दलाई लामा ने मोनेस्ट्री में पैदा हुए हालात पर गहरी चिंता जताते हुए तिब्बत जाने की इच्छा जाहिर की है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दिए अपने संदेश में दलाई लामा ने कहा है कि अगर अनुमति मिले तो वह तिब्बत जाना चाहते है। उन्होंने इस मुद्दे पर चीन को संयम बरतने औऱ समझदारी से काम लेने की सलाह दी है । मठ में लगभग 2500 बौद्ध भिक्षु चीनी सशस्त्र बलों के घेरे में नजरबंद है।
जानकारी के मुताबिक उनके खाने पीने का सामान औऱ अन्य रसद भी खत्म होने को है। बीते सोलह मार्च को चीन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे एक बीस वर्षीय लामा ने खुद को आग के सुपुर्द कर दिया था । तभी से नगबा क्षेत्र में स्थापित इस मठ में तनाव की स्थिति है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के प्रैस अधिकारी लोबसंग छोडक ने बताया कि समूची निर्वासित तिब्बत सरकार सहित दलाई लामा को इस घाटना ने चिंतित कर दिया है। शनिवार को जारी संदेश में दलाई लामा ने बौद्ध भिक्षुओं से आहान किया कि वे धैर्य न छोडे । बहुत जल्द हालात सामान्य होंगे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सरकारों से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
तिब्बत जाना चाहते है । दलाई लामा
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