दैनिक जागरण, 16 नवंबर, 2012
कार्यालय संवाददाता, धर्मशाला : निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांग्ये ने कहा है कि तिब्बत को स्वायत्तता दिलाना ही उनका ध्येय है। परमपावन दलाईलामा को वापस तिब्बत ले जाना ही सबका मकसद है। सांग्ये शुक्रवार को मैक्लोडगंज में स्पेशल इंटरनेशनल तिब्बत स्पोर्ट ग्रुप की तीन दिवसीय बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बकौल सांग्ये, तिब्बत में लोगों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। अपने देश के लिए लोग बलिदान कर रहे हैं लेकिन चीन सरकार की नीतियों में कोई बदलाव नहीं आ रहा है। वर्ष 2013 में इंटरनेशनल फोरम में इस मुद्दे को मुख्य तौर पर रखा जाएगा क्योंकि चीन सरकार तिब्बत मुद्दे के हल के लिए रुचि नहीं ले रही है बल्कि अत्याचारों को बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि तिब्बत में 74 आत्मदाह के मामले सामने आ चुके हैं। इनसे संकेत मिलते हैं कि तिब्बत में लोगों की स्थिति कैसी है इसलिए अब चीन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दबाव बनाना होगा। इससे पूर्व परमपावन दलाईलामा ने बैठक का शुभारंभ किया।
आयोजन में एशिया, यूरोप व अमेरिका सहित 43 देशों में 200 से अधिक सदस्य भाग ले रहे हैं। इस मौके पर तिब्बत कॉज के संयोजक डॉ. एनके त्रिखा ने कहा कि तिब्बती मुद्दे पर सभी एकजुट हैं। निर्वासित सरकार और तिब्बती समुदाय का साथ देना होगा तभी तिब्बत का अस्तित्व बना रहेगा। वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि परमपावन दलाईलामा को तिब्बत वापस ले जाने के लिए विश्व समुदाय को प्रयास करने होंगे। चीन को इसका अहसास करवाना होगा कि तिब्बत के प्रति उनका रवैया ठीक नहीं है। तिब्बत को स्वायतत्ता प्रदान करना वर्तमान की आवश्यकता है।