पंजाब केसरी, 7 जुलाई 2014
धर्मशाला: तिब्बत के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता लोबसांग सांगय ने कहा कि तिब्बत के निर्वासित लोग अपने आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा की स्वदेश वापसी का इंतजार कर रहे हैं। सांगय ने कहा, “तिब्बतियों ने दलाई लामा से अपनी उम्मीदें जोड़ी है और वे उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।” उन्होंने यह बात आध्यात्मिक नेता के 79वें जन्मदिन के अवसर पर कही।
सांगय ने कहा कि तिब्बत में गत 60 सालों से डर और दमन का माहौल होने के बावजूद वहां की जनता ने अपनी उम्मीद और गर्व को जिंदा रखा है। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने तिब्बती लोगों द्वारा उठाए जाने वाले हानिकारक कदमों को हतोत्साहित किया है, सांगय ने कहा, “दलाई लामा की वापसी और तिब्बत की आजादी की गहरी इच्छा उन 130 लोगों की मांग के समान ही है, जिन्होंने चीन के दमन के खिलाफ आत्मदाह कर लिया था।”
सांगय ने पूर्ण आजादी की जगह तिब्बत को स्वायत्तता प्रदान करने वाली बीच की विचारधारा का उल्लेख करते हुए कहा, “यह हमारी उम्मीद है कि नई चीनी सरकार जल्द इस सच्चाई को समझेगी कि मध्यमार्गी विचार तिब्बत समस्या के समाधान के लिए पारस्परिक रूप से लाभदायी है।”