धर्मशाला। तिब्बत आजादी आंदोलन को भारत के हर गांव और जन-जन तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विशेष अभियान आरंभ करेगा। यह घोषणा वीरवार को आरएसएस की अखिल भारतीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मंडल सदस्य एवं अंतरराष्ट्रीय हिमालय परिवार के अध्यक्ष इंद्रेश कुमार ने मैक्लोडगंज में तिब्बत के नागवा प्रांत में कीर्ति बौद्ध मठ में बौद्ध भिक्षुओं की घेराबंदी के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे बौद्ध अनुयायियों को संबोधित करते हुए की।
इंद्रेश कुमार के साथ भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव एवं अंतरराष्ट्रीय स्वदेशी मंच के अध्यक्ष गोविंदाचार्य व विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रभारी ऋषि वालिया ने निर्वासित तिब्बतियों के विभिन्न गैर राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों, तिब्बत निर्वासित संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों सहित निर्वासित प्रधानमंत्री प्रो. सामदोंग रिम्पोछे के साथ बैठकें आयोजित कर तिब्बत आजादी आंदोलन व हाल ही में तिब्बत में उपजी विकटतम स्थितियों पर चर्चा की।
इंद्रेश कुमार ने 17वें करमापा उगयेन त्रिनले दोर्जे मामले पर कहा कि यह चीन का तिब्बत मूवमेंट को लीडरलेस मूवमेंट बनाने का घोर षड्यंत्र है। करमापा के बाद तिब्बती बौद्ध धर्म में दलाईलामा के बाद करमापा को ही मान्यता प्राप्त है। करमापा को बेवजह बदनाम करने के मनघड़ंत आरोप लगाए गए हैं।