savetibet.org, इंटरनेशनल कैंपेन फाॅर तिब्बत
इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत ने 10 मार्च, 1959 को हुए तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की 61वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर 9 मार्च को तिब्बती लोगों के साथ अपनी एकजुटता का इजहार किया।
छह दशक पहले ठीक इसी दिन तिब्बतियों ने एशिया के हिमालयी क्षेत्र में ऐतिहासिक रूप से स्वतंत्र अपनी मातृभूमि तिब्बत पर चीन द्वारा पर आक्रमण के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।
उनका तात्कालिक डर यह था कि चीनी सैनिकों ने कथित तौर पर दलाई लामा के अपहरण की योजना बनाई थी। कुछ दिनों के भीतर ही दलाई लामा को निर्वासन में भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। तब से चीन तिब्बत पर फौलादी शिकंजा डालकर शासन कर रहा है और दलाई लामा को कभी तिब्बत लौटने की अनुमति नहीं दी।
यद्यपि मानवाधिकार पूरे चीन में सीमित हैं, लेकिन तिब्बतियों को तो उनकी पहचान को संरक्षित करने और उनकी सबसे बुनियादी स्वतंत्रता तक का उपयोग करने से बुरी तरह से रोका जा रहा है। जैसा कि चीन अधिकारों के उल्लंघन करने वाले के तौर पर लंबे समय से कुख्यात है, ऐसे में तिब्बत में स्थितियां नाटकीय रूप से बदतर होती जा रही हैं।
पिछले कई वर्षों से हालिया 2020 तक फ्रीडम हाउस ने बार-बार, तिब्बत को दुनिया में दूसरे सबसे कम-मुक्त क्षेत्र के रूप में सूचीबद्ध किया है। इससे बदतर स्थिति केवल सीरिया और उत्तर कोरिया में है।
लेकिन तिब्बत के बाहर दलाई लामा ने दूरदृष्टि दिखाई और निर्वासन में ऐसी संस्थाओं को स्थापित करने का काम किया है, जिसने दुनिया भर में तिब्बती लोगों को अपने धर्म, परंपराओं और जीवन जीने के तरीके को संरक्षित करने और प्रसारित करने का मौका दिया है। साथ ही वे आधुनिक शिक्षा भी ग्रहण कर रहे हैं।
जबरदस्त चुनौतियों के बीच तिब्बती संघर्ष को अहिंसक रखने की दलाई लामा की प्रतिबद्धता दुनिया भर में इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत और अहिंसक आंदोलनों के लिए प्रेरणा बनी हुई है।
दलाई लामा संस्था की रक्षा
जैसा कि हम इस 10 मार्च को वर्षगांठ को मनाते हैं, इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत ने तिब्बत के लोगों के लिए मानव अधिकारों और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और दलाई लामा के
दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए खुद को फिर से समर्पित किया।
वर्तमान में हम चीन द्वारा तिब्बत में दलाई लामा और लामाओं की पुनर्जन्म प्रणाली पर नियंत्रण स्थापित करने के प्रयासों को देख रहे हैं।
सिर्फ छह साल की अवस्था में पंचेन लामा और उनके परिवार का अपहरण करने के बाद और उनकी जगह अपना पंचेन लामा घोषित करने वाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अब अगले दलाई लामा के चयन के अधिकार का दावा कर रही है।
ऐसे समय में, जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय तिब्बत के मुद्दे का राजनीतिक समाधान करने को समर्थन दे रहा है, तिब्बती बौद्ध परंपरा की इस विशिष्ट रिवाज के मामले में निर्णायक बनने के चीन के बेतुके दावे को खारिज करना जरूरी है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिनिधि सभा ने जनवरी में तिब्बती पॉलिसी एंड सपोर्ट ऐक्ट को भारी बहुमत में पारित कर दिया। यह एक ऐसा अहम विधेयक है जो अन्य बातों के अलावा इस बात को अमेरिका की आधिकारिक नीति बना देगा कि केवल दलाई लामा और तिब्बती बौद्ध समुदाय ही दलाई लामा के पुनर्जन्म के बारे में फैसला कर सकते हैं। इसके साथ उन चीनी अधिकारियों पर इस विधेयक में प्रतिबंध लगाए जाने का प्रावधान किया गया है जो भविष्य में चीन द्वारा थोपे गए दलाई लामा के नाम को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।
विधेयक को अब सीनेट को पारित कराने और राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर कर कानून बनाने की आवश्यकता है।
चीनी सैनिकों से दलाई लामा की रक्षा के लिए तिब्बती विद्रोह दिवस पर तिब्बतियों के उठ खड़े होने के साठ साल बाद हम सभी को अब चीनी नियंत्रण से दलाई लामा की संस्था की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है।