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३० सितंबर, २०२१
धर्मशाला। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना दिवस से एक दिन पहले यानि ३० सितंबर को जर्मन संस्था ‘वॉयस ऑफ यूरोप’ और ‘फेडरेशन फॉर ए डेमोक्रेटिक चाइना’ ने संयुक्त रूप से ‘ह्यूमनिटी एट ए क्रॉसरोड्स इन चाइना: ए मल्टी कल्चरल पुशबैक अगेंस्ट डिक्टेटरशिप (चीन में चौराहे पर मानवता- तानाशाही के खिलाफ बहु-सांस्कृतिक पलटाव)’ विषय पर वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया।
केंद्रीय तिब्बत प्रशासन (सीटीए) की आधिकारिक चीनी वेबसाइट के प्रधान संपादक जयांग त्सेरिंग को पूर्वी तुर्केस्तान, दक्षिणी मंगोलिया, हांगकांग और ताइवान के प्रतिनिधियों के साथ संगोष्ठी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था।
सीटीए की ओर से जयांग त्सेरिंग ने चीनी सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ बोलने वाले प्रतिनिधियों के प्रति दृढ़ समर्थन व्यक्त किया और इस दौरान परम पावन दलाई लामा और सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग के मार्गदर्शन में चीन तक पहुंच बनाने से संबंधित गतिविधियों को जारी रखने के लिए सीटीए की प्रतिबद्धता से अवगत कराया।
जर्मनी में ताइवान के राजदूत प्रो. हसीह चिह-वेई ने स्वतंत्रता, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए ताइवान, तिब्बत, पूर्वी तुर्केस्तान, दक्षिणी मंगोलिया, हांगकांग और मुख्यभूमि चीन के लोगों के आग्रह पर जोर दिया। उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उत्पीड़ित सभी समुदायों की एकता का भी आह्वान किया और उनसे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की तानाशाही के खिलाफ लड़ने का आग्रह किया।
बाद में इस सेमिनार में कुएरबन हैयूर (वर्ल्ड उग्यूर कांग्रेस के बर्लिन प्रतिनिधि), श्री शी हैमिंग (पीपुल्स पार्टी ऑफ इनर मंगोलिया, कोलन के अध्यक्ष), तेनज़िन ज़ोचबाउर (तिब्बत इनिशिएटिव, बर्लिन के कार्यकारी निदेशक) और वांग गौक्सिंग (बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर, फेडरेशन फॉर ए डेमोक्रेटिक चाइना, हेग) ने अपने भाषण दिए।
उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत अल्पसंख्यक समुदायों की संस्कृति और भाषा के विनाश, पर्यावरण के विनाश और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के दमन पर प्रकाश डालते हुए मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
सेमिनार के एजेंडे में, न्यू ज़ुर्चर ज़ितुंग के पत्रकार जुर्गन काहल, फ्रांसीसी साइनोलॉजिस्ट मैरी होल्ज़मैन, डसेलडोर्फ द फोर्थ जून मेमोरियल म्यूजियम इन हांगकांग के पत्रकार चांग पिंग, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर ह्यूमन राइट्स बर्लिन के पत्रकार माइकल लेह, वाशिंगटन डीसी के पत्रकार श्रीचिंग चेओंग, कोलन के लेखक/संपादक श्री पैन योंगझोंग, आईपीके-मीडिया वाशिंगटन डीसी के प्रमुख अन्ना वांग, ताइपे में राजनीति शास्त्र के विद्वान प्रो. ज़ेंग जियानयुआन ने विभिन्न विषयों पर बात की और प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिए।
पीआरसी की ७२वीं वर्षगांठ यानी ०१ अक्तूबर को आयोजकों ने जर्मनी में चीनी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया। यह भी बताया गया कि जर्मनी के करीब दस मानवाधिकार संगठन भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।