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धर्मशाला। एक विश्वसनीय स्रोत की रिपोर्ट है कि चीनी अधिकारियों ने तथाकथित तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के नागचू (चीनी : नागचू) शहर के सेर्नेय (चीनी : सेनी) जिले में ‘अलगाववाद को उकसाने’ के आरोपों में तेनज़िन चोफेल को १८ साल की जेल की सजा सुनाई है। ४५ वर्षीय तिब्बती उद्यमी पर ‘अवैध रूप से विदेशों में खुफिया जानकारी भेजने’ और ‘राज्य की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों को वित्तपोषित करने’ का भी झूठा आरोप लगाया गया था।
चोफेल को शुरू में ३० मार्च २०१८ को गिरफ्तार किया गया था।२४ मई २०१९ को उन्हें आधिकारिक तौर पर १८ साल की निश्चित कारावास की सजा और पांच साल तक राजनीतिक अधिकारों से वंचित करने की सजा सुनाए जाने तक तनहाई कैद में रखा गया था। सूत्र का कहना है कि चीनी अधिकारियों ने उनकी सभी निजी संपत्ति को जब्त कर लिया है और उन्हें वर्तमान में ल्हासा के चुशूर (चीनी: कुशुई) जेल में रखा गया है।
चोफेल पर अनुचित फैसले के बाद तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र उच्च पीपुल्स कोर्ट ने अक्तूबर २०१९ में उनके परिवार की अपील को खारिज कर दिया।
तिब्बती सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड डेमोक्रेसी की एक पूर्व रिपोर्ट में चोफेल को चेंगदू की एक सफल व्यावसायिक यात्रा से लौटने के बाद ल्हासा के गोंगकर हवाई अड्डे पर हिरासत में लिए जाने की सूचना मिली थी। वह तिब्बती संस्कृति और पर्यावरण की रक्षा करने, तिब्बतियों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देने और गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने सहित विभिन्न परोपकारी और सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
चोफेल की कैद तिब्बतियों के पर्यावरण और सांस्कृतिक खजाने की रक्षा के लिए विनाशकारी विकास परियोजनाओं का विरोध करने वालों को निरंतर उत्पीडित किए जाने का एक और उदाहरण है। इसके अलावा, यह समुदाय के नेताओं, बुद्धिजीवियों, अधिकार रक्षकों और लेखकों सहित प्रमुख तिब्बतियों पर हमला करके चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ असंतोष को कुचलने के लिए चीन के सुनियोजित प्रयास का हिस्सा भी है।