देशबन्धु, 24 जुलाई 2011
धर्मशाला । तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने नार्वे में हुए नरसंहार में 90 से अधिक लोगों की मौत पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि तिब्बती लोगों के नार्वे निवासियों के साथ गहरे रिश्ते हैं।
रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दलाई लामा ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर शोक प्रकट किया। नार्वे की राजधानी ओस्लो में शुक्रवार को एक बम विस्फोट में सात लोग मारे गए थे और उटोया द्वीप पर युवा कैम्प पर दक्षिणपंथी ईसाई बहरिंग ब्रीविक द्वारा गोलीबारी से कम से कम 85 लोग मारे गए थे। पुलिस को संदेह है कि ब्रीविक ने ही बम का निर्माण कर हमले को अंजाम दिया था। नार्वे के प्रधानमंत्री जेंस स्टोलनबर्ग को 23 जुलाई की तारीख में लिखे पत्र के माध्यम से दलाई लामा ने शोक संतप्त परिवारों के लिए प्रार्थना की है। इस अवसर पर उन्होंने नार्वे के प्रधानमंत्री और वहां के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की। दलाई लामा ने 1987 में ओस्लो में नोबल शांति पुरस्कार ग्रहण किया था।