धर्मशाला। परम पावन दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने की स्मृति में भारत-तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफए) की धर्मशाला शाखा द्वारा रविवार को आयोजित २६वें हिमालय महोत्सव के समापन समारोह में उपाध्यक्ष डोल्मा छेरिंग तेखांग ने भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कांगड़ा के अतिरिक्त उपायुक्त गंधर्व राठौड़ थे। उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में धर्मशाला के मेयर ओंकार नेहरिया, आईटीएफए के अध्यक्ष अजीत नेहरिया, आईटीएफए के सलाहकार राम स्वरूप औरसांसद दावा छेरिंग शामिल थे।
उपाध्यक्ष ने परोपकारिता, प्रेम, करुणा और अहिंसा की सदियों पुरानी साझा विरासत से उपजी हिमालयी और तिब्बती लोगों के बीच विशेष संबंध पर बात की। उन्होंने परम पावन दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने के महत्व पर प्रकाश डाला, जो परोपकारिता, प्रेम और करुणा के प्रतीक हैं।
डिप्टी स्पीकर ने चीन के दमनकारी शासन के तहत तिब्बत के अंदर देखी जा रही तिब्बतियों की भयानक पीड़ा को बयां किया और आईटीएफए को सांस्कृतिक और पारंपरिक पहलुओं से परे तिब्बत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सामूहिक प्रयास करने की सिफारिश की। उन्होंने युवा भारतीयों और तिब्बतियों को आईटीएफए की पुरानी पीढ़ी के सदस्यों की विरासत को आगे बढ़ाने के महत्व को दोहराते हुए आईटीएफए की गतिविधियों में युवा पीढ़ी की भागीदारी का आग्रह किया।
अंत में, डिप्टी स्पीकर ने एक अच्छे मुद्दे को लेकर बहुमूल्य योगदान देने के लिए हिमालयन फेस्टिवल के आयोजकों, प्रतिभागियों और प्रायोजकों की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया।