Live हिंदुस्तान, 11 सितंबर, 2012
तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के सोशल नेटवर्किग वेबसाइट पर 90 लाख से अधिक प्रशंसक हैं। हालांकि दलाई लामा तकनीक प्रेमी नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद दुनिया भर में उनके ट्विटर और फेसबुक अकाउंट में बड़ी संख्या में लोग और अनुयायी जुड़े हुए हैं।
दलाई लामा के दुनियाभर में फैले प्रशंसकों को सोशल नेटवर्किग साइट्स से जोड़े रखने के लिए हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित उनका कार्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आध्यात्मिक नेता द्वारा हाल ही में किए गए एक ट्वीट में कहा गया है, ‘विश्व की बहुत सी समस्याएं और झगड़े हमारे द्वारा बुनियादी मानवता की दृष्टि खो देने के कारण हैं, जो हमें मानव परिवार के रूप में एकसाथ बांधती है।’
आध्यात्मिक नेता द्वारा हाल ही में किए गए एक ट्वीट में कहा गया है, ‘विश्व की बहुत सी समस्याएं और झगड़े हमारे द्वारा बुनियादी मानवता की दृष्टि खो देने के कारण हैं, जो हमें मानव परिवार के रूप में एकसाथ बांधती है।’
इस महीने की 10 तारीख तक दलाई लामा के ट्विटर अकाउंट पर प्रशंसकों की संख्या बढ़कर 50,80,571 हो गई। बीते वर्ष 26 जुलाई को यह संख्या 20,75,807 थी, यानी की महज एक वर्ष में उनके साथ 30,04,764 नए लोग जुड़े। इस तरह उनके फेसबुक अकाउंट पर इस 10 सितम्बर तक प्रशंसकों की संख्या 42,97,234 थी।
दलाई लामा के सोशल नेटवर्किग अकाउंट्स का प्रबंधन उनके अधिकारिक फोटोग्राफर तेनजिन चेजोर सहित तकनीकी विशेषज्ञों की टीम करती है। उल्लेखनीय है कि भारत में एक लाख से अधिक तिब्बती शरणार्थी रहते हैं। वर्ष 1959 में दलाई लामा कम्युनिस्ट विरोधी आंदोलन के दैरान तिब्बत से निकलकर भारत आ गए यहीं शरण ले लिया। यहां उन्होंने निर्वासित सरकार की स्थापना की, हालांकि इसे किसी देश की ओर से मान्यता नहीं मिली है।